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Dr.Chirag Thakkar

इंग्वाइनल हर्निया के लिए कौन सा विकल्प बहेतर है ? ओपन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी?

इंग्वाइनल हर्निया एक बहुत ही आम समस्या है जिसका सामना बड़ी संख्या में लोग करते हैं। उपचार के संबंध में, कोई भ्रम नहीं है कि सर्जरी ही इसका एकमात्र विकल्प है। लेकिन मरीजों के मन में इस बारे में कई आशंकाएं और सवाल होते हैं कि उन्हें किस तरह की सर्जरी का विकल्प चुनना चाहिए, ओपन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी? यहां हम दोनों तरीकों के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से बात करेंगे। ताकि आप अपनी स्थिति के अनुरूप सर्वोत्तम सर्जरी का विकल्प चुन सकें।

इंग्वाइनल हर्निया : बुनियादी समझ

इंग्वाइनल हर्निया क्या है ? इंग्वाइनल हर्निया क्यों होता है ?

इंग्वाइनल हर्निया जांघ के मूल(groin region) के स्नायु की क्षति है, जिसके माध्यम से पेट के अंदर के अंग त्वचा के निचे बाहर आ जाते है , जिससे एक उभार(bulge) हो जाता है। आमतौर पर यह हर उम्र के पुरूषों, बच्चों, युवा वयस्कों और बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है। आपके शुक्रकोष में रक्त ले जानेवाली रक्तवाहिकाएं और शुक्रकोष से शुक्राणु ले जानेवाली शुक्रवाहिनी जांघ के मूल के यही स्नायु में एक छिद्र से होकर गुजरती है। यह कुदरती छिद्र ही संभावित क्षति का स्थान है।

Natural hole enlarges to form a large defect

तरह-तरह के कारणों से छिद्र बड़ा होकर क्षति पैदा करता है। यही क्षतिपूर्ण छिद्र के माध्यम से आपकी आंतें पेट से बाहर आ सकती है और त्वचा के नीचे स्थापित हो जाती है। जिससे एक उभार (buldge) बनता है। शुरू में, यह छोटा होता है और वह तभी बनता है जब आपके पेट में दबाव बढ़ता है, जैसे कि जब आप खांस रहे हों, वजन उठा रहे हों, मलत्याग या पेशाब कर रहे हों। यह चलने, दौड़ने और अन्य प्रवृतियां करते वक्त दर्द और असुविधा पैदा कर सकता है। कई बार यह पीड़ारहित होता है।

समय के साथ यह कैसे बढ़ता है:

समय के साथ यह छेद की क्षति बड़ी हो जाती है, और फिर आंतें बिना किसी दबाव के बड़ी आसानी से पेट से बाहर आ सकती है। इसलिए, जब भी व्यक्ति खड़ा होता है या चल रहा होता है  उभार दीखाई देता है और सोते समय वापस चला जाता है। यदि आप फिर भी इसे सर्जरी से ठीक नहीं करवाते है तो यह और भी बड़ा हो जाता है और आंतें हर वक्त बाहर ही रहती है।  ऐसे मामलों में, उभार वृषण (बेग जिसमे शुक्रकोष होते है) के लगभग नीचे तक चला जाता है। आमतौर पे, जैसे जैसे यह बड़ा होता जाता है, दर्द और तकलीफ बढ़ती जाती है।

बड़े हर्निया होने के बावजूद, दर्दी को कोई असुविधा न हो रही हो ऐसे मामले देखना असामान्य नहीं है। अधिंकांश समय ऐसा इसलिए है की दर्दी ने यह असुविधा को स्वीकार कर  लिया है और कुछ प्रवृतियाँ करना छोड़ दिया है।  ऐसी स्वीकृति उनके अवचेतन मनकी सर्जरी में यथासंभव देरी करने की इच्छा की वजह से है। लेकिन, हमें यह समझना चाहिए की  जब हर्निया बड़ा होता है तब सर्जरी टेक्नीकली कठिन हो जाती है  और इसके परिणाम भी इतने अच्छे नहीं होते। इसलिए, बहुत ही बुजुर्ग जिसकी कुछ सालों से अधिक जीवित रहने की उम्मीद नहीं है उनके आलावा अन्य दर्दीओं को सर्जरी में देरी करने का कोई मतलब नहीं है। जब यह छोटा होता है तब ही इसे ठीक करना और इसके अच्छे परिणाम प्राप्त करना निश्चित रूप से बहेतर है।

सर्जरी की प्रतीक्षा करते समय हमारी मुख्य चिंता

साथ में, हमारी मुख्य चिंता stragulation (रक्त वाहिकाओं पर दबाव के कारण उस हिस्से में रक्त की सप्लाई बंद हो जाना) और obstruction (अवरोध) है। ऐसा तब होता है जब आँत उस क्षतिपूर्ण छेद में फंस जाता है जिससे आँत में गेंगरीन हो जाता है। हालांकि, यह एक बहुत ही कम होने वाली कॉम्प्लिकेशन है, इसके लिए इमरजंसी सर्जरी की आवश्यकता होती है। जब आँत फंस जाये तब यदि हम तेजी से कार्य करते है और गेंगरीन होने से पहले सर्जरी करते है, तो परिणाम अभी भी अच्छे है। लेकिन अगर हमें ऐसे समय में सर्जरी करने में देर हो जाती है, तो हमें आंत के उस हिस्से को हटाना होगा, जिसमें गेंगरीन हो गया है। और नियमित हर्निया सर्जरी की तुलना में यह सर्जरी अधिक गंभीर मामला बन जाती है। हम समय पर कार्य करके आसानी से इससे बच सकते हैं।

सर्जिकल विकल्प

Surgical options for inguinal hernia

इंग्वाइनल हर्निया के इलाज का एक ही विकल्प है सर्जरी। लेकिन हमारे पास सर्जरी में विकल्प है। सर्जिकल विकल्पों में ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शामिल है। सर्जरी के दौरान, सर्जन स्नायु में क्षति की मरम्मत करते है ताकि आंत अब बाहर नहीं आ पाएगी। अधिकांश हर्निया सर्जरी के दौरान, हम स्नायु के क्षति की मरम्मत को सहारा देने के लिए मेश(जाल) का उपयोग करते है।

इंग्वाइनल हर्निया सर्जरी बिना मेश के भी की जा सकती है, लेकिन ऐसी सर्जरी में हर्निया फिर से होने की संभावना अधिक होती है। इसी वजह से हम आज के समय में बिना मेश के हर्निया सर्जरी की सलाह नहीं देते है। मेश मरम्मत को अतिरिक्त ताकत देता है जिससे हर्निया के दोबारा होने की संभावना काफी कम हो जाती है। एक बच्चे में हर्निया की सर्जरी इसका एक मात्र अपवाद है। हम एक बच्चे की  हर्निया सर्जरी में मेश का उपयोग नहीं करते है।

ओपन सर्जरी

Open Inguinal hernia surgery

 

ओपन सर्जरी रूढ़ि-गत तरिके से की जानेवाली सर्जरी है, जिसमे जांघ के मूल(groin) भाग में 8 -10  से.मी  के चीरे की जरूरत होती है। जब सही तरीके से किया जाता है तो यह बहुत अच्छे परिणाम देता है। यह सर्जरी जनरल, स्पाईनल और लोकल एनेस्थेसिया में भी हो सकता है। ओपन हर्निया सर्जरी लगभग सभी सर्जनों द्वारा नियमित रूप से की जाती है। यह सुरक्षित और व्यापक रूप से उपलब्ध है। आइए, इस पध्धति के कुछ फायदे और नुकसान के बारे में संक्षेप में चर्चा करें।

लाभ 

  • यह लोकल एनेस्थेसिया से हो सकता है इस प्रकार हम जनरल एनेस्थेसिया के संबंधित कॉम्प्लिकेशन को रोक सकते है। जब यह सर्जरी लोकल एनेस्थेसिया से की जाती है, तब अधिक जोखिम वाले मरीजों (कार्डियक बायपास सर्जरी के बाद, किडनी या लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद, जिसकी किडनी कार्य न कर रही हो ऐसे मरीज ) के लिए यह पसंदीदा पध्धति है। 
  • बहुत बड़े हर्निया के लिए यह टेक्नीकली आसान (लेप्रोस्कोपिक की तुलना में) पध्धति है।

नुकसान

  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में सर्जरी के बाद लम्बे समय तक दर्द की संभावना अधिक होती है।
  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में घाव संबंधी समस्याएं और कॉम्प्लिकेशन अधिक होते है।
  • पूरी तरह से दर्द मुक्त हो कर नियमित प्रवृतियाँ शुरू करने में अधिक समय लगता है।
  • दोनों तरफ हर्निया के लिए, दोनों तरफ जांघ के मूल में 8-10 सेमी चीरा लगाना पड़ता है। जब दोनों तरफ एक साथ किया जाता है, तो दर्द काफी अधिक होता है और ठीक होने में अधिक समय लगता है

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी

यह सर्जरी बहुत छोटे छिद्र जैसे चीरों के माध्यम से की जाती है। आमतौर पर इसकी संख्या 3 होती है।  जिनमें से एक 1 से.मि. और अन्य दो 0.5 से.मि. के होते है। हालाँकि, मरीज की रिकवरी बहुत तेज और बिना किसी बाधा की होने के बावजूद, यह सर्जरी टेक्नीकली अपने आप में बहुत कुशलता मांगती है। यही कारण है कि यह ओपन सर्जरी जितनी व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है।

मरम्मत किए गए स्नायु की ताकत और सर्जरी के बाद दर्द मुक्त प्रवृतियाँ, इन दोनों मामलों में यह ओपन सर्जरी से बेहतर है। लेकिन इसके लिए उचित सर्जिकल विशेषज्ञता और कौशल की आवश्यकता होती है, अन्यथा इसके खराब परिणाम हो सकते है।

लाभ 

  • बहुत जल्दी से नियमित प्रवृतियों में वापसी (हमारे लिए यह देखना आम बात है कि मरीज को उसी दिन छुट्टी मिल जाना, कुछ दिनों में काम पर वापस जाना, कुछ दिनों में सेक्सुअल प्रवृतियाँ  फिर से शुरू करना और कुछ हफ़्ते के भीतर खेल सहित पूरी तरह से सामान्य प्रवृतियों में वापस आना )
  • दोनों तरफ एक ही तीन चीरों द्वारा किया जा सकता है।
  • जब दोनों तरफ  एक साथ किया जाता है, तो दर्द अधिक नहीं होता है और न ही ठीक होने में देरी होती है।
  • बड़ी मेश क्षति युक्त स्नायु को चौड़ा घेरता है जिससे मरम्मत किये गए स्नायु को अधिक ताकत मिलती है।

नुकशान 

  • जनरल एनेस्थेसिया की जरूरत है, लोकल एनेस्थेसिया से नहीं हो सकता।
  • बड़े हर्निया के लिए टेक्नीकली कठिन। बड़ा हर्निया तभी किया जाता है, जब उत्कृष्ट सर्जिकल कौशल उपलब्ध हो।
  • आंत फंस गई हो जैसी इमरजंसी स्थितियों में यह संभव नहीं है

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इंग्वाइनल सर्जरी के प्रकार का निर्णय लेने में महत्वपूर्ण फेक्टर्स

मरीज संबंधित फेक्टर्स

मरीज संबंधित कुछ फेक्टर्स सर्जरी के प्रकार की पसंद को प्रभावित करता है। इंग्वाइनल हर्निया सर्जरी के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी निश्चित रूप से बेहतर है। लेकिन कुछ चुनिंदा मरीजों में जनरल एनेस्थेसिया संबंधित कॉम्प्लिकेशन के जोखिम से इस लाभ को नकार दिया जाता है। इन मरीजों के लिए ओपन सर्जरी को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि यह  लोकल एनेस्थेसिया से किया जाता है।

मरीज संबंधित फेक्टर्स में शामिल हैं:

  • बहुत वृद्धावस्था (70-75 वर्ष से अधिक) और समग्र रूप से खराब स्वास्थ्य।
  • मेजर मेडिकल समस्याएं(लिवर सिरोसिस, किडनी का काम न करना, हार्ट की गंभीर समस्या)
  • पहले की पेट की सर्जरी (सर्जरी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को टेक्नीकली मुश्किल बना देती है)
  • लोकल या जनरल एनेस्थेसिया से बचने की मरीज की व्यक्तिगत पसंद

हर्निया सबंधित फेक्टर्स

कई हर्निया संबंधित फेक्टर्स हर्निया सर्जरी के प्रकार को तय करने में महत्वपूर्ण होते है। कुछ फेक्टर्स की वजह से ओपन सर्जरी लाभदायक होती है जबकि अन्य फेक्टर्स की वजह से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी लाभदायक होती है।

  • एक तरफ या दोनों तरफ (जब हर्निया दोनों तरफ हो तब लेप्रोस्कोपिक पध्धति अधिक लाभदायक होती है )
  • बहुत बड़े हर्निया ( साइज़ और सर्जन के कौशल के आधार पर ओपन सर्जरी बेहतर हो सकती है।
  • फिर से होनेवाला हर्निया  (आमतौर पर, यदि पिछली सर्जरी ओपन थी तो लेप्रोस्कोपिक को प्राथमिकता दी जाती है और यदि पिछली सर्जरी लेप्रोस्कोपिक थी तो ओपन सर्जरी टेक्नीकली आसान और सुरक्षित है)

उपरोक्त सभी बातों का सार

ओपन सर्जरी की तुलना में लैप्रोस्कोपिक इंग्वाइनल हर्निया सर्जरी निश्चित रूप से एक बेहतर विकल्प है। कम दर्द, रिकवरी और नियमित प्रवृतिओं जल्दी से शुरू कर पाने के मामले में इसके स्पष्ट फायदे है। यह लाभ युवा मरीजों में और हर्निया दोनों तरफ होने पर अधिक महत्वपूर्ण होता है। यह लाभ युवा मरीजों में और हर्निया दोनों तरफ होने पर अधिक महत्वपूर्ण होता है।

कुछ मरीजों के लिए ओपन सर्जरी अधिक अनुकूल होती है। इनमें ऐसे मरीजों शामिल है की जिसको जनरल एनेस्थेसिया के जोखिम ज्यादा है जैसे गंभीर हार्ट, फेफड़े, लिवर और किड़नी की समस्याएं हो। ऐसे सभी मरीजों के लिए लोकल एनेस्थीसिया के तहत ओपन सर्जरी ज्यादा सुरक्षित होती है। साथ ही, जिन लोगो को बड़े हर्निया हो या पिछली लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद फिर से हर्निया हो, उनके लिए ओपन सर्जरी अधिक अनुकूल हो सकती है।

आपकी स्वास्थ्य यात्रा आपकी अपनी है। चाहे आप छोटे या बड़े हर्निया से जूझ रहे हों, सही दृष्टिकोण से इलाज का होना बहुत फर्क ला सकता है। डॉ. चिराग ठककर का दृष्टिकोण मरीज को ठीक से समजाना, सर्जरी के हर पहलू पर बारीकी से ध्यान देना और मरीजों की सहानुभूति से देखभाल करने पर केंद्रित है।

 

अगर आप अहमदाबाद में सर्वश्रेष्ठ हर्निया डॉक्टर की तलाश कर रहे हैं, तो ऐसे विशेषज्ञ की तलाश करें जो अपनी मेडिकल ऐक्सपर्टिस को दर्दी-प्रथम दृष्टिकोण के साथ जोड़ता हो। आपके ठीक होने की यात्रा आपके इलाज के विकल्पों को समझने और एक विश्वसनीय तबीब के साथ काम करने से शुरू होता है। मार्गदर्शन के लिए हमें संपर्क करे। 

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एड्रोइट में, हम न केवल आपके हर्निया की मरम्मत करते हैं, बल्कि सर्जरी के बाद मरीजों को सर्वोत्तम संभव कार्यक्षमता प्राप्त कराने का और हमारे मरीजों को एक बहुत ही सहज और आरामदायक सर्जरी का अनुभव देने का लक्ष्य रखते हैं। जटिल और बार-बार होनेवाले हर्निया के लिए की जानेवाली  लेप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी के मामले में भी, दर्दी सर्जरी के बाद कम से कम दर्द और सबसे अच्छे कार्यात्मक परिणाम के साथ तेजी से ठीक हो जाते हैं।

डॉ. चिराग ठक्कर एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन हैं। वे पिछले 18 वर्षों से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और वजन घटाने/बेरियाट्रिक सर्जरी कर रहे हैं। GERD, हायटस हर्निया और मेदस्विता की सर्जरी उनकी रुचि और विशेषज्ञता के मुख्य क्षेत्र हैं। एसिड रिफ्लक्स/GERD के उपचार के लिए, एड्रोइट भारत में अग्रणी केंद्रों में से एक है, जो एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएँ प्रदान करता है। पित्ताशय की पथरी के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में भी उनका बहुत अनुभव है।

Dr. Chirag Thakkar

Dr Chirag Thakkar
Senior Gastrointestinal and Bariatric surgeon
GERD and Esophageal Motility Expert
Hernia Surgery Specialist
Founder Director of ADROIT Centre for Digestive and Obesity Surgery

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