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हर्निया के साथ रहना असुविधाजनक और चिंताजनक हो सकता है। जब डॉ. जब चिराग ठक्कर हर्निया सर्जरी के बारे में चिंतित मरीजों को देखते हैं, तो उन्हें पता होता है कि अधिकांश मरीजों के प्रश्न एक जटिल विषय के इर्द-गिर्द घूमते हैं: सर्जिकल मेश।
“मरीज अक्सर उस बात से डरते हैं जिसे वे समझ नहीं पाते।” यह कहना है सुप्रसिद्ध हर्निया विशेषज्ञ डॉ चिराग ठक्कर का। “मेरा काम सर्जरी की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझाना और मरीजों को उनके इलाज के बारे में सन्देह रहित महसूस कराने में मदद करना है।”
यदि आप हर्निया सर्जरी में मेश के उपयोग के बारे में चिंतित हैं, तो यह मार्गदर्शिका आपको सर्जिकल मेश के बारे में जानकारी देगी और बताएगी कि कैसे आधुनिक मेडिकल टेक्नोलॉजी आपको आसान और तेजी से रिकवरी प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
मेश (जाली) के बारे में चिंतित होना स्वाभाविक है, क्योंकि मेश (जाली) एक वस्तु है और जीवन भर दर्दी के शरीर में रहगी। लेकिन यह भी एक तथ्य है कि आजकल लगभग सभी हर्निया सर्जरी मेश (जाली) का उपयोग करके की जाती हैं।
तो,आइये इस पर चर्चा करें।
हर्निया सर्जरी मूलतः आपके पेट की दीवार में किसी दोष (छेद) को ठीक करने के लिए की जाने वाली सर्जरी है। यह पेट की दीवार (पेट) को मजबूत करने के लिए की जाने वाली सर्जरी है। यह मेश (जाली) रिपेर या टिस्यू रिपेर से किया जा सकता है।
टिस्यू रिपेर में, शरीर के प्राकृतिक कठोर टिस्यू, जिन्हें टेंडन, फेशिया और मसल्स कहते हैं, उसमें टांके लगाए जाते हैं। लेकिन ऐसे टांकों से इन टिस्यू में खिंचाव पैदा हो जाएगा। इससे रिपेर पर तनाव बना रहेगा, जिससे पर्याप्त मजबूती नहीं मिलेगी। जब हर्निया बड़ा होता है तो प्राकृतिक टिस्यू पर दबाव अधिक होता है। कभी-कभी ये टिस्यू बढ़ती उम्र के कारण, पिछले गर्भधारण, पिछली सर्जरी और घाव के निशान तथा अन्य मेडिकल प्रोब्लेम्स के कारण कमजोर हो जाते हैं। कभी-कभी हर्निया के भाग के मसल्स और टिस्यू को काफी क्षति पहुंचती है, जिससे प्राकृतिक टिस्यू में टांके लगाकर हर्निया के छेद को बंद करना असंभव हो जाता है। इन सभी कारणों से, टिस्यू रिपेर द्वारा प्रदान की गई ताकत अपर्याप्त है और हर्निया की बार-बार होने की संभावना अधिक है, भले ही सर्जरी तकनीकी रूप से अच्छी तरह से की गई हो।
मेश रिपेर में, मेश का उपयोग हर्निया रिपेर को मजबूत करने और उस भाग की टिस्यू को सहारा देने के लिए किया जाता है। जब मेश (जाली) का उपयोग किया जाता है, तो टिस्यू की मरम्मत के दौरान टिस्यू में कोई तनाव या खिंचाव नहीं होता है, जिससे बेहतर हीलिंग प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। यह एक ऐसा ढांचा है जिस पर शरीर कोलेजन बिछाकर एक मजबूत दीवार बनाता है, जिससे अच्छी मजबूती मिलती है। यह मेश (जाली) बिल्डिंग के कन्स्ट्रक्शन में उपयोग किये जाने वाले लोहे के फ्रेम की तरह काम करेगा जो सीमेंट और कंक्रीट को पकड़ने में मदद करता है। यदि हम कुछ महीनों बाद किसी अन्य मेडिकल समस्या के कारण उसी स्थान पर सर्जरी कराते हैं, तो हम मेश (जाली) को उसी स्थान पर नहीं पाएंगे, जहां उसे लगाया गया था। लेकिन वह मेश (जाली) मसल्स और स्वस्थ टिस्यू में समाविष्ट हो जाती है और लगभग शरीर का हिस्सा बन जाती है, जिससे उस हिस्से को ताकत मिलती है।
मेश हर्निया रिपेर में हर्निया फिर से होने की दर टिस्यू रिपेर की तुलना में बहुत कम है। अच्छी गुणवत्ता वाली मेश (जाली) की खोज ने एक तरह से हर्निया के फिर से होने की समस्या को हल करने में मदद की है। जब भी हर्निया दोबारा होता है तब सबसे बड़ी समस्या यह है की, तो यह टिस्यू को और भी अधिक कमजोर कर देता है। इसलिए, प्रत्येक फिर से किए जानेवाले हर्निया रिपेर पिछले हर्निया रिपेर की तुलना में कमजोर होगा और इसलिए, हर्निया बार-बार होने की संभावना अधिक होगी। इसलिए, मजबूत रिपेर और स्थायी समाधान के लिए सबसे अच्छा मौका पहली बार हर्निया सर्जरी करवाना है। तभी मेश के इस्तेमाल से अधिकतम ताकत मिल सकती है, जो हर्निया को दोबारा होने से रोकती है।
मेश (जाली) का उपयोग कुछ समस्याओं के साथ आता है।
मेश का उपयोग करते समय मेश में संक्रमण होना सबसे आम समस्या है। यह सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। क्योंकि यह मेश (जाली) शरीर का प्राकृतिक हिस्सा नहीं है, इसलिए इसे सामान्य शरीर के टिस्यू की तरह ब्लड सप्लाय नहीं मिलती, और इसलिए शरीर के रोगप्रतिकारक तंत्र के कोष (cells) और एंटीबायोटिक्स इस तक नहीं पहुंच पाते। इसलिए, यदि यह संक्रमित हो जाए तो शरीर की रोगप्रतिकारक सिस्टम यहां के संक्रमित जीवों से लड़ नहीं सकती। जब संक्रमण शरीर के अंदर किसी बाहरी चीज पर होता है, तो दवाएं कम प्रभावी होती हैं। इस स्थिति में, एक और सर्जरी करनी होगी और मेश (जाली) को हटाना होगा। अच्छी बात यह है कि ऐसी हॉस्पिटल जहाँ स्टरीलाइज़ेशन प्रोटोकॉल (जीवाणुमुक्त करने की प्रामाणिक विधि) का ठीक से पालन किया जाता है वहाँ मेश संक्रमण बहुत कम, ना के बराबर होता है। एक बार जब हमने सर्जरी के समय संक्रमण का ध्यान रखा है, और सर्जरी के शुरुआती दिनों में कोई संक्रमण नहीं है, तो आपको मेश संक्रमण के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
मेश (जाली) के उपयोग से जुड़ा एक अन्य जोखिम मेश (जाली) का क्षरण (Erosion) है। मेश (जाली) क्षरण यानि की मेश (जाली) का से शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे आंत, पेट और मूत्राशय में के फंसने/ अटक जाती है तथा समय के साथ इन अंगों की दीवारों में मेश (जाली) का क्षरण होता है। कभी-कभी यह इन अंगों में समस्या पैदा कर सकता है और ऐसी स्थिति में मेश (जाली) को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है और साथ ही उस अंग का इलाज भी करना पड़ता है जिसमें मेश (जाली) फंसा हुआ है। पुनः, इस समस्या के घटित होने की सम्भावना भी बहुत कम है, 0.1% से भी कम। सर्जन के रूप में, हम मेश (जाली) के साथ सर्जरी करना पसंद करते हैं, और इसके लिए हम मेश (जाली) को इन अंगों से दूर रखते हैं, और मेश (जाली) और इन अंगों के बीच सामान्य टिस्यू की एक परत रखकर मेश (जाली) के क्षरण को रोकते हैं। जिन स्थितियों में यह संभव नहीं होता, वहां मेश (जाली) को महत्वपूर्ण अंगों से चिपकने से रोकने के लिए दोहरी परत वाली मेश (जाली) का उपयोग किया जाता है।
यदि हम चाहें तो, जब भी संभव हो, हर्निया की रिपेर बिना किसी मेश (जाली) के भी कर सकते हैं। लेकिन हर्निया के दोबारा होने की संभावना बहुत अधिक होगी। मेश रिपेर के लाभ इतने अधिक हैं, तथा समस्याओं की संभावना इतनी कम है कि बिना मेश के सर्जरी करने का कोई मतलब नहीं है। कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर, इन दिनों लगभग कोई भी सर्जन बिना मेश (जाली) के हर्निया रिपेर नहीं करेगा।
यह मेश (जाली) पॉलीप्रोपिलीन या पॉलिएस्टर सामग्री से बनी होती है, जो अवशोषित नहीं होती। सर्जरी के बाद ऐसी मेश (जाली) जीवन भर आपके शरीर में बनी रहेगी। यह एक मेडिकल ग्रेड प्लास्टिक है और इसका उपयोग दुनिया भर में 30 वर्षों से अधिक समय से हर्निया सर्जरी में किया जा रहा है। यह पदार्थ रासायनिक रूप से निष्क्रिय सिद्ध हुआ है तथा इसका आपके शरीर पर कोई अन्य प्रभाव नहीं पड़ता है।
कुछ जाली दो-परत वाली होती हैं, दूसरी परत सोखने/अवशोषण योग्य होती है और जाल को अंगों से चिपकने से रोकने में मदद करती है। इस जाल का प्रयोग तब किया जाता है जब जाल को इस प्रकार से लगाना जरूरी हो कि वह आंतों, पेट या मूत्राशय जैसे महत्वपूर्ण अंगों के संपर्क में आए। हर्निया सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की टेकनीक में आई प्रगति के साथ, ऐसे अंगों के संपर्क में जाली लगाने की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। हमारे सर्जिकल प्रेक्टिस में, हम सर्जरी करते समय जाली को महत्वपूर्ण अंगों से दूर रखने की पूरी कोशिश करते हैं।
अवशोषित होनेवाली मेश (जाली) उपलब्ध होने के बावजूद, इसका उपयोग हर्निया सर्जरी के लिए नहीं किया जाता है। इसका उपयोग अन्य सर्जिकल ट्रीटमेन्ट में किया जाता है, जहां पेट के अंदर संक्रमण के लिए सर्जरी की जाती है और विभिन्न कारणों से पेट को बंद करना संभव नहीं होता है। ऐसी स्थितियों में, पेट को बंद करने में मदद के लिए एक अस्थायी अवशोषित होनेवाली मेश (जाली) का उपयोग किया जाता है। यह स्थायी मजबूती प्रदान नहीं करता, लेकिन फिर भी इसका उपयोग किया जाता है, क्योंकि संक्रमण होने पर अवशोषित ना हो सके ऐसी मेश (जाली) का उपयोग नहीं किया जा सकता। ऐसे अधिकांश मरीजों को भविष्य में पेट की दीवार की मरम्मत के लिए दोबारा सर्जरी की आवश्यकता होती है।
मान लीजिए आपको हर्निया सर्जरी की आवश्यकता है, और आपके सर्जन ने मेश के साथ सर्जरी का सुझाव दिया है। उस स्थिति में, मेरी राय है कि मेश (जाली) की समस्याओं के डर के बिना, अपने सर्जन की सलाह का पालन करें। एक स्टैंडर्ड अस्पताल में सर्जरी करवाना फ़ायदेमंद होगा जहाँ स्टरीलाइज़ेशन प्रोटोकॉल (जीवाणुमुक्त करने की प्रामाणिक विधि) का ठीक से पालन किया जाता है। एक अनुभवी और विशेषज्ञ हर्निया सर्जन निश्चित रूप से आपको बेहतर परिणाम देने में सक्षम होगा।
हमारी हॉस्पिटल में हमने पिछले 15 वर्षों से सर्जरी के बाद किसी भी एंटीबायोटिक का उपयोग नहीं किया है। यहां तक कि एंटीबायोटिक्स के बिना भी, यहां कोई मेश (जाली) संक्रमण नहीं है। हम हमेशा मेश (जाली) को टिस्यू की दो परतों के बीच रखने की कोशिश करते हैं, इसे महत्वपूर्ण अंगों से दूर रखते हैं, और हमारी प्रेक्टिस में हम किसी भी मेश (जाली) के क्षरण (Erosion) को नहीं देखते हैं।
सर्जरी के बाद, हम अपने मरीजों को हर्निया सर्जरी के बाद की सक्रियता और व्यायामों के बारे में मार्गदर्शन देते हैं ताकि उनकी रिकवरी की प्रक्रिया सरल हो सके और वे अधिकतम कार्यक्षमता प्राप्त कर सकें।
डॉ चिराग ठक्कर का कहना है कि आधुनिक हर्निया सर्जरी ने काफी प्रगति की है, तथा सर्जिकल मेश अधिक सुरक्षित और प्रभावी उपचार विकल्प उपलब्ध कराता है।
आपकी स्वास्थ्य यात्रा आपकी अपनी है। चाहे आप छोटे या बड़े हर्निया से जूझ रहे हों, सही दृष्टिकोण से इलाज का होना बहुत फर्क ला सकता है। डॉ. चिराग ठककर का दृष्टिकोण मरीज को ठीक से समजाना, सर्जरी के हर पहलू पर बारीकी से ध्यान देना और मरीजों की सहानुभूति से देखभाल करने पर केंद्रित है।
अगर आप अहमदाबाद में सर्वश्रेष्ठ हर्निया डॉक्टर की तलाश कर रहे हैं, तो ऐसे विशेषज्ञ की तलाश करें जो अपनी मेडिकल ऐक्सपर्टिस को दर्दी-प्रथम दृष्टिकोण के साथ जोड़ता हो। आपके ठीक होने की यात्रा आपके इलाज के विकल्पों को समझने और एक विश्वसनीय तबीब के साथ काम करने से शुरू होता है। मार्गदर्शन के लिए हमें संपर्क करे।
आप डॉ चिराग ठक्कर के साथ वीडियो कन्सल्टेशन बुक कर सकते हैं। अपॉइंटमेंट तय करने के लिए +91-8156078064 या +91-8469327630 पर कॉल करें या फिर यहाँ संपर्क करे ।
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एड्रोइट में, हम न केवल आपके हर्निया की मरम्मत करते हैं, बल्कि सर्जरी के बाद मरीजों को सर्वोत्तम संभव कार्यक्षमता प्राप्त कराने का और हमारे मरीजों को एक बहुत ही सहज और आरामदायक सर्जरी का अनुभव देने का लक्ष्य रखते हैं। जटिल और बार-बार होनेवाले हर्निया के लिए की जानेवाली लेप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी के मामले में भी, दर्दी सर्जरी के बाद कम से कम दर्द और सबसे अच्छे कार्यात्मक परिणाम के साथ तेजी से ठीक हो जाते हैं।
डॉ. चिराग ठक्कर एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन हैं। वे पिछले 18 वर्षों से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और वजन घटाने/बैरिएट्रिक सर्जरी कर रहे हैं। GERD, हायटस हर्निया और मेदस्विता की सर्जरी उनकी रुचि और विशेषज्ञता के मुख्य क्षेत्र हैं। एसिड रिफ्लक्स/GERD के उपचार के लिए, एड्रोइट भारत में अग्रणी केंद्रों में से एक है, जो एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएँ प्रदान करता है। पित्ताशय की पथरी के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में भी उनका बहुत अनुभव है।
Dr Chirag Thakkar
Senior Gastrointestinal and Bariatric surgeon
GERD and Esophageal Motility Expert
Hernia Surgery Specialist
Founder Director of ADROIT Centre for Digestive and Obesity Surgery