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Dr.Chirag Thakkar
Sleeve gastrectomy or gastric bypass, which bariatric surgery is better for you

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी या गेस्ट्रिक बायपास: कौन सी बेरियाट्रिक सर्जरी आपके लिए बेहतर है?

विषय-सूची:

नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) के आंकड़ों पर आधारित एक अभ्यास के अनुसार, भारत में लगभग 40% महिलाएं और 12% पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं (स्रोत)UpToDate के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 580,000 लोग बेरियाट्रिक सर्जरी कराते हैं।

वर्तमान में मोटापे के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी सबसे असरदार उपचार विकल्प है। यदि आपने पहले ही बेरियाट्रिक सर्जरी कराने का निर्णय ले लिया है, तो उस स्थिति में आपके सामने पहला प्रश्न यह होगा कि कौन सी सर्जरी चुनें: स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी या गेस्ट्रिक बायपास?

मैं शुरू में ही यह स्पष्ट करूंगा कि वजन घटाने की सर्जरी करानेवाले अधिकांश मरीजों के लिए ये दोनों सर्जरी स्वीकार्य विकल्प हैं। इसका मतलब यह है कि आपको अपनी प्राथमिकताओं और अपेक्षाओं के आधार पर सर्जरी चुनने की स्वतंत्रता होगी। हालाँकि, बेरियाट्रिक (मोटापा) सर्जरी से पहले आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें जान लेनी चाहिए। आपको अपनी अपेक्षाओं के अनुरूप कौन सी सर्जरी करवानी है तथा कॉम्प्लीकेशन्स से बचना है, इसका निर्णय लेने के लिए अपने सर्जन से विशिष्ट मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी।

आदर्श रूप से, यह निर्णय मरीज और सर्जन द्वारा उचित चर्चा के बाद संयुक्त रूप से लिया जाता है। जहां मरीज अपनी अपेक्षाओं और प्राथमिकताओं पर चर्चा करते है,और सर्जन प्रत्येक प्रक्रिया के फायदे और नुकसान पर चर्चा करते है तथा यह भी बताते है कि इन अपेक्षाओं को कम से कम कॉम्प्लीकेशन्स और साइड इफेक्ट्स के साथ कैसे पूरा किया जा सकता है। यहां, मैं दोनों सर्जिकल विकल्पों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा करूंगा।

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी या गेस्ट्रिक बायपास

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी सर्जरी क्या है?

जठर का एक बड़ा हिस्सा काटकर,निकालकर एक छोटी, पतली ट्यूब के आकार की थैली बनाई जाती है, जो मरीजों को कम खाने और वजन कम करने में मदद करती है।

जठर का एक बड़ा हिस्सा काटकर,निकालकर एक छोटी, पतली ट्यूब के आकार की थैली बनाई जाती है, जो मरीजों को कम खाने और वजन कम करने में मदद करती है।

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी सर्जरी, जिसे गेस्ट्रिक स्लीव भी कहा जाता है, इस सर्जरी में जठर के एक हिस्से को काटकर निकाल दिया जाता है। जठर का बाकी हिस्सा एक पतली नली जैसा बना होता है। इससे भोजन की मात्रा सीमित हो जाती है और भोजन तेजी से आँतों से होकर निकल जाता है। जठर के इस हिस्से को हटाने और भोजन को तेजी से आंतों तक पहुंचने से आपके जठर के हार्मोन में बदलाव आता है। यह सब आपको वजन कम करने, आपके मेटाबोलिज़म को सुधारने,आपकी अन्य मेडिकल समस्याओं में सुधार करने और अपना कम हुआ वजन बनाए रखने में मदद करता है।

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी के लाभ (सकारात्मक पहलू)

  1. गेस्ट्रिक स्लीव सर्जरी टेकनिकली गेस्ट्रिक बायपास से आसान है। आपके पाचन तंत्र में कम परिवर्तन होते हैं, तथा गेस्ट्रिक बायपास की तुलना में इसका आपके शरीर के कार्यो (Physiology) पर कम प्रभाव पड़ता है।
  2. आपकी आंत का कोई भी भाग बायपास नहीं किया जाता, विशेष रूप से छोटी आंत के भाग जैसे कि डुओडेनम (Duodenum) और शुरुआती जेजुनम (Jejunum), जो महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के शोषण का स्थान हैं। इसलिए, कुपोषण, यानी विटामिन, आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन की कमी की संभावना गेस्ट्रिक बायपास की तुलना में काफी कम है। इस कारण यह युवा मरीजों (40 वर्ष से कम आयु) के लिए पसंदीदा सर्जरी है, तथा विशेषकर उन महिलाओं के लिए जो बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद भविष्य में गर्भधारण की योजना बना रही हैं।
  3. किसी अन्य बीमारी के लिए, जठर के बचे हुए भाग और डुओडेनम (Duodenum) की एंडोस्कोपिक जांच जीवन भर संभव है। गेस्ट्रिक बायपास के मामले में ऐसा नहीं है।

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी के नुकसान (नकारात्मक पहलू)

  1. यह सर्जरी गेस्ट्रिक बायपास की तुलना में वजन घटाने के लिए कम प्रभावी है। कुछ मरीजों में, वजन कम होना अपर्याप्त हो सकता है। विशेषकर बहुत ज्यादा BMI (BMI > 45) वाले मरीजों में, या बुजुर्ग मरीजों में या जिनका घूमना-फिरना सीमित है ऐसे मरीजों में। मान लीजिए कि मरीज नियमित रूप से मिठाई खाता रहता है या नियमित रूप से ज्यादा कैलोरी वाले ड्रिंक्स पीता रहता है। ऐसी स्थिति में, वजन कम करना अपर्याप्त हो सकता है।
  2. गंभीर डायबिटीस के मरीजों के लिए यह विकल्प अच्छा नहीं है क्योंकि गेस्ट्रिक बायपास की तुलना में इस विकल्प में मेटाबोलिज़म में सुधार (डायबिटीस और हाई कोलेस्ट्रॉल में सुधार) कम होता है।
  3. GERD, एसिड रिफ्लक्स या हायटस हर्निया से पीड़ित मेदस्वी मरीजों के लिए स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी सर्जरी के बाद GERD की गंभीरता बढ़ने की संभावना होती है। ऐसे मरीजों के लिए Roux en Y गेस्ट्रिक बायपास (RYGB) आदर्श विकल्प है।

गेस्ट्रिक बायपास सर्जरी क्या है?

गेस्ट्रिक-बायपास-सर्जरी

गेस्ट्रिक बायपास सर्जरी में, जठर के ऊपरी हिस्से को छोटा करने के लिए उसमें से एक छोटी थैली बनाई जाती है, तथा उसे जठर के बाकी हिस्से और डुओडेनम (Duodenum) को बायपास करते हुए, जेजुनम (Jejunum)​​ से जोड़ दिया जाता है।

 

गेस्ट्रिक बायपास सर्जरी में, जठर के ऊपरी हिस्से में एक छोटा पाउच (थैली) बनाया जाता है, जिसे जठर के बाकी हिस्से से अलग कर दिया जाता है और इसमें अन्ननली खुलती है। यह पाउच (थैली) जठर के बाकी हिस्से और डुओडेनम (Duodenum) को बायपास करके आंत के मध्य भाग, जेजुनम से जुड़ जाता है।

बायपास किया गया जठर और आंत का पहला भाग, डुओडेनम, पेट में ही रहेगा, लेकिन उसका उपयोग नहीं होगा, क्योंकि भोजन अन्ननली से एक पाउच (थैली) में और फिर जेजुनम में चला जाएगा। जठर और आंत के शुरुआती भाग (डुओडेनम और प्रारंभिक जेजुनम) को बायपास करने से GUT हार्मोनों में महत्वपूर्ण परिवर्तन होता है, जो स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी के बाद होने वाले GUT हार्मोनों में परिवर्तन से कहीं अधिक होता है। हार्मोनल परिवर्तन,आहार नियंत्रण और शोषण में कमी, ये सभी वजन घटाने और डायबिटीस तथा अन्य मेडिकल समस्याओं में सुधार में योगदान करते हैं।

गेस्ट्रिक बायपास के लाभ (सकारात्मक पहलू)

  1. गेस्ट्रिक बायपास, गेस्ट्रिक स्लीव की तुलना में अधिक असरदार वजन घटाने वाली सर्जरी है। यह 45 से अधिक BMI वाले मरीजों के लिए पसंदीदा विकल्प है। सर्जरी के बाद लंबे समय तक वजन कम रखने के लिए गेस्ट्रिक बायपास सर्जरी भी बेहतर है।
  2. मेटाबोलिज़म सुधार के लिए गेस्ट्रिक स्लीव की तुलना में गेस्ट्रिक बायपास सर्जरी एक बेहतर विकल्प है। यह सर्जरी उन डायबिटीस मरीजों के लिए आदर्श है जिनका डायबिटीस नियंत्रण में नहीं है या जो कई वर्षों से डायबिटीस से पीड़ित हैं।
  3. Roux en Y गेस्ट्रिक बायपास (RYGB), GERD और एसिड रिफ्लक्स का इलाज करता है। स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी के बाद एसिड रिफ्लक्स बढ़ जाता है, इसलिए GERD के मेदस्वी मरीजों के लिए RYGB एक आदर्श विकल्प है। ऐसे मरीजों में, RYGB को प्राथमिकता दी जाती है, भले ही BMI 45 से कम हो और मरीज को डायबिटीस न हो।
  4. जिन लोगों को मीठा पसंद होता है या मीठा खाने की लालसा, होती है, वे गेस्ट्रिक बायपास के बाद इस लालसा में परिवर्तन का अनुभव करते हैं। बिना किसी प्रयास के उनकी मिठाई की लालसा या इच्छा कम हो जाती है। इस प्रकार का व्यवहार परिवर्तन कुछ मरीजों में स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी के बाद भी हो सकता है, लेकिन यह गेस्ट्रिक बायपास सर्जरी का एक मुख्य लक्षण है।

गेस्ट्रिक बायपास के नुकसान (नकारात्मक पहलू)

  1. स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी की तुलना में यह टेकनिकली अधिक जटिल सर्जरी है। यह सर्जरी पाचन तंत्र और समग्र शरीर के कार्यो (Physiology) में अधिक महत्वपूर्ण परिवर्तन करती है।
  2. इस सर्जरी से कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है (यह बायपास की गई आंत की लंबाई पर निर्भर करता है, जो व्यक्तिगत मरीज के BMI और मेडिकल समस्याओं के आधार पर निर्धारित होता है)। इसलिए, गेस्ट्रिक बायपास के बाद मरीजों को सप्लीमेंट लेने, नियमित फॉलो-अप और ब्लड टेस्ट करवाने में अधिक अनुशासित होना चाहिए।
  3. गेस्ट्रिक बायपास वाले मरीजों में एनास्टोमोटिक साइट (गेस्ट्रिक पाउच (थैली) और आंत के जोड़ की जगह) पर अल्सर, डंपिंग सिंड्रोम और आंतरिक (internal) हर्निया जैसी कॉम्प्लिकेशन संभव हैं। हालांकि ये कॉम्प्लिकेशन असामान्य हैं, लेकिन जब इनमें से कोई भी कॉम्प्लिकेशन उत्पन्न होती है, तो उन्हें आगे के उपचार या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
  4. धूम्रपान करने वालों में एनास्टोमोटिक अल्सर होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए, जो लोग नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं और सर्जरी के बाद धूम्रपान छोड़ने की संभावना कम है, उन्हें गेस्ट्रिक बायपास सर्जरी से बचना चाहिए।
  5. गेस्ट्रिक बायपास उन लोगों के लिए भी आदर्श विकल्प नहीं है जो नियमित रूप से आल्कोहोल का सेवन करते हैं। नियमित आल्कोहोल के सेवन के कारण गेस्ट्रिक बायपास के बाद कुछ मरीजों में लीवर को नुकसान तेजी से होता है। इसलिए, जिन लोगों के सर्जरी के बाद आल्कोहोल छोड़ने की संभावना कम है, उन्हें बायपास के बजाय गेस्ट्रिक स्लीव का विकल्प चुनना चाहिए। यही बात क्रोनिक लिवर रोग या बहुत ज्यादा फैटी लीवर वाले मरीजों के लिए भी सही सही है।
  6. गेस्ट्रिक बायपास के बाद जठर और डुओडेनम (Duodenum) के बचे हुए भाग की नियमित एंडोस्कोपिक जांच असंभव है। गेस्ट्रिक पाउच (थैली), जठर के बाकी हिस्से से पूरी तरह से अलग होती है। यदि आवश्यक हो, तो जठर और डुओडेनम (Duodenum) के निदान और उपचार के लिए अन्य विकल्पों का उपयोग किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष 

यदि आप इस सारी जानकारी से घबरा गए हैं, तो मैं इसे आपके लिए इसे संक्षेप में प्रस्तुत करूंगा।

गेस्ट्रिक स्लीव या स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी युवा मरीजों (विशेष रूप से भविष्य में गर्भधारण की योजना बना रही महिलाओं) के लिए एक आदर्श वजन घटाने वाली सर्जरी है, जिनका BMI 45 से कम है, उन्हें डायबिटीस नहीं है, और उन्हें GERD /एसिड रिफ्लक्स/हायटस हर्निया नहीं है। यह उन लोगों के लिए भी पसंदीदा सर्जरी का विकल्प है जो नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं, नियमित रूप से आल्कोहोल पीते हैं, तथा इसे छोड़ने के लिए बहुत दृढ़ नहीं हैं।

गेस्ट्रिक बायपास ज्यादा BMI (BMI > 45) वाले मरीजों, डायबिटीस के मरीजों (विशेषकर जब डायबिटीस पर ठीक से नियंत्रण न हो या लम्बे समय से हो) तथा GERD/एसिड रिफ्लक्स/हायटस हर्निया के मरीजों के लिए एक आदर्श विकल्प है। इस विकल्प पर उन मरीजों को भी विचार करना चाहिए जिनकी मिठाई और उच्च कैलोरी वाले ड्रिंक्स जैसे पदार्थों की आदत या इच्छा होती है।

हमारा लक्ष्य सिर्फ वजन कम करना नहीं है, बल्कि हम मरीजों को यथासंभव सामान्य स्वास्थ्य के करीब लाने में मदद और मार्गदर्शन करने में विश्वास रखते हैं। इसलिए, हम मरीजों को हर विकल्प के लाभ और नुकशान से अवगत करके स्वयं के लिए सूचित निर्णय लेने में सहायता करते हैं तथा उन्हें इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वस्थ आहार,अच्छी फिजिकल एक्टिविटीज, स्ट्रेस मैनेजमेंट और पर्याप्त नींद लेने के लिए मार्गदर्शन देते हैं।

डॉ. चिराग ठक्कर के साथ इलाज का मरीजों का अनुभव

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी सर्जरी के बाद मरीज का अनुभव

गेस्ट्रिक बायपास सर्जरी के बाद मरीज का अनुभव

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी और गेस्ट्रिक बायपास के बीच मुख्य अंतर क्या है?

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी में जठर का एक हिस्सा हटा दिया जाता है, जिससे एक छोटी, ट्यूब जैसी संरचना बन जाती है। दूसरी ओर, गैस्ट्रिक बायपास में, जठर के ऊपरी हिस्से से एक छोटी थैली बनाई जाती है और उसे सीधे छोटी आंत के मध्य भाग से जोड़ दिया जाता है, जिससे जठर के शेष हिस्से और छोटी आंत के शुरुआती हिस्से को बायपास कर दिया जाता है।

उच्च BMI (45 से अधिक) वाले मरीजों के लिए कौन सी सर्जरी बेहतर है?

गैस्ट्रिक बायपास को आमतौर पर बहुत ज्यादा BMI वाले मरीजों के लिए चुना जाता है, क्योंकि इससे स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी की तुलना में अधिक वजन कम होता है और खोए हुए वजन को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।

गेस्ट्रिक बायपास की तुलना में स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी चुनने के क्या फायदे हैं?

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी एक सरल प्रक्रिया मानी जाती है और इसमें कॉम्प्लीकेशन्स का जोखिम कम होता है। गैस्ट्रिक बायपास की तुलना में इसमें पोषण संबंधी कमियों का जोखिम भी कम है, जिससे यह युवा मरीजों, विशेषकर उन महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प है जो भविष्य में गर्भवती होना चाहती हैं। यह सर्जरी उन लोगों के लिए भी सही है जिन्हें धूम्रपान और नियमित आल्कोहोल पीने की आदत है।

किसी भी बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद रिकवरी का समय क्या है?

सर्जरी के दिन से आप अपने आप चलना शुरू कर देंगे। छुट्टी मिलने पर आप घर पर अपनी देखभाल कर सकेंगे। आप लगभग 8-10 दिनों में काम पर वापस लौट सकेंगे, हालांकि सटीक समय आपके व्यवसाय/जीवनशैली पर निर्भर करता है। कुछ व्यक्तिबहुत जल्दी भी काम शुरू कर सकते हैं। जितनी जल्दी आप काम और सामान्य कार्यो फिर से शुरू करेंगे, उतनी ही तेजी से आपकी रिकवरी होगी।

क्या कोई विशेष प्रकार के मरीज को गेस्ट्रिक बायपास से अधिक लाभ हो सकता है?

अनियंत्रित डायबिटीस या GERD, एसिड रिफ्लक्स या हायटस हर्निया से पीड़ित मरीजों को गैस्ट्रिक बायपास से अधिक लाभ हो सकता है। इसे अक्सर उन मरीजों के लिए भी चुना जाता है जो मिठाई और उच्च कैलोरी वाले ड्रिंक्स की लालसा को दबाने के लिए संघर्ष करते हैं।

स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी और गेस्ट्रिक बायपास के बीच निर्णय लेते समय मरीज को किन बातों पर विचार करना चाहिए?

किसी योग्य सर्जन से चर्चा करने के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए, जैसे:

BMI: यदि आपका BMI ज्यादा है, तो गैस्ट्रिक बायपास एक उचित विकल्प हो सकता है।

मेडिकल समस्याएं: गैस्ट्रिक बायपास डायबिटीस या GERD से पीड़ित लोगों के लिए उचित हो सकता है।

आयु और भविष्य की योजनाएं: युवा मरीजों, विशेषकर जो महिलाएं गर्भवती होना चाहती हैं, उन्हें स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी से लाभ हो सकता है।

जीवनशैली: स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी उन लोगों के लिए अधिक उचित हो सकती है जो धूम्रपान करते हैं, आल्कोहोल पीते हैं, या जीवनशैली में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं करना चाहते हैं।

आपकी स्वास्थ्य यात्रा आपकी व्यक्तिगत यात्रा है। आप बढ़े हुए वजन से, मोटापे से या मोटपे के साथ अन्य बीमारियों से जूझ रहे हों, सही चिकित्सा दृष्टिकोण बहुत बड़ा अंतर ला सकता है। डॉ. चिराग ठक्कर का दृष्टिकोण रोगी की समझ, सटीकता और दयालु देखभाल पर ध्यान केंद्रित करना है।

आपकी स्वास्थ्य यात्रा आपकी अपनी है। चाहे आप सामान्य वजन बढ़ोत्रीसे, मोटापेसे या मोटपेके के साथ अन्य बीमारियों से जूझ रहे हों, सही दृष्टिकोण से इलाज का होना बहुत फर्क ला सकता है। डॉ. चिराग का दृष्टिकोण मरीज को ठीक से समजाना, सर्जरी के हर पहलू पर बारीकी से ध्यान देना और मरीजों की सहानुभूति से देखभाल करने पर केंद्रित है।

अगर आप अहमदाबाद में सर्वश्रेष्ठ वेइट लॉस , ओबेसिटी और बेरियाट्रिक सर्जन डॉक्टर की तलाश कर रहे हैं, तो ऐसे विशेषज्ञ की तलाश करें जो अपनी मेडिकल ऐक्सपर्टिस को दर्दी-प्रथम दृष्टिकोण के साथ जोड़ता हो। आपके ठीक होने की यात्रा आपके इलाज के विकल्पों को समझने और एक विश्वसनीय तबीब के साथ काम करने से शुरू होता है। मार्गदर्शन के लिए हमें संपर्क करे।

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डॉ. चिराग ठक्कर एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन हैं। वे पिछले 18 वर्षों से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और वजन घटाने/बेरियाट्रिक सर्जरी कर रहे हैं। GERD, हायटस हर्निया और मेदस्विता की सर्जरी उनकी रुचि और विशेषज्ञता के मुख्य क्षेत्र हैं। एसिड रिफ्लक्स/GERD के उपचार के लिए, एड्रोइट भारत में अग्रणी केंद्रों में से एक है, जो एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएँ प्रदान करता है।जटिल और बार-बार हो रहे हर्निया के लिए लेप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी के मामले में भी उनके दर्दीओ में सर्जरी के बाद कम से कम दर्द और सबसे अच्छी कार्यक्षमता प्रदान करनेवाले परिणाम के साथ मरीजों को तेजी से स्वास्थ्य की पुनःप्राप्ति होती है। पित्ताशय की पथरी के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में भी उनका बहुत अनुभव है।

Dr. Chirag Thakkar

Dr Chirag Thakkar
Senior Gastrointestinal and Bariatric surgeon
GERD and Esophageal Motility Expert
Hernia Surgery Specialist
Founder Director of ADROIT Centre for Digestive and Obesity Surgery

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