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    गोद। पित्ताशय की पथरी की सर्जरी

    दर्दीओं के अनुभव

    इलाज

    सर्जरी की ज़रूरत क्युँ पड़ती है ?

    पित्ताशय की पथरी की सर्जरी का मुख्य लक्ष्य ऐसी समस्याओ /लक्षणों का इलाज करना है, जो आप पथरी की वजह से सेह रहे है। इसके आलावा पथरीसे उत्पन्न होती कई जटिलताएं / समस्याएँ पैदा न हो, उसके लिए भी सर्जरी जरुरी है। इन जटिलताओं में से कुछ जानलेवा भी साबित हो सकती है। इनके बारे में आप इसी पेज पर आगे पढ़ सकते है।

    तकलीफ ना देने वाली पित्ताशय की पथरी

    सामान्य तौर पे ऐसे मरीज़ो को सिर्फ फॉलो अप पे निगरानी में रखा जाता है। सिर्फ ज्यादा जोखिम वाले दर्दीओ (जिनको पथरी से जुडी जटिलताएं होने की संभावना ज्यादा हो) को ही सर्जरी की सलाह दी जाती है। ऐसे ज्यादा जोखिम वाले दर्दीओ में डायाबिटीस, कीमोथेरपी का इलाज लेते दर्दी और रोगप्रतिकारकता से वंचित (जैसे HIV ग्रस्त) दर्दी का समावेश होता है।

    तकलीफ देने वाली पित्ताशय की पथरी

  • जिनको पित्ताशय की पथरीसे तकलीफ होती हो, वैसे दर्दीओ को सर्जरी के लिए एक्सपर्ट सर्जन की सलाह लेनी चाहिए। ऐसे मरीजों के लिए लैप्रोस्कोपिक (दुर्बिन से होने वाली ) पित्ताशय की सर्जरी दुनिया भर मे स्वीकृत इलाज है।
  • पथरी पिघलाने का इलाज पित्ताशय की पथरी के लिए कारगर नहीं रेहता और उसके परिणाम आधारभूत नही है । ये तकलीफ से पीड़ित दर्दीओ में, मूल समस्या खुद पित्ताशय मे और शरीर के मेटाबोलिज़म मे होता है। और इसलिए सर्जरी मे सिर्फ पथरी नही निकाली जाती। हमे पूरा पित्ताशय निकालना पड़ता है। अगर सिर्फ पथरी निकाल कर पित्ताशय को वहीं छोड़ा जाये, तो पथरी फिर से बन जाती है।
  • गलत अनुमान: पित्ताशय की सर्जरी से पाचन प्रभावित होता है

    सामान्य मान्यता से विपरीत, पित्ताशय निकालने के बाद, पाचनमें कोई बदलाव नही आता। ऑपरेशन के बाद आपके आहारमें कोइ विशिष्ट अंकुश की ज़रूरत नही होती। आपको एक साथ ज्यादा मात्रा में खाने के बजाय, कम मात्रामे ज्यादा बार खाना चाहिए। आपको बेहद चर्बियुक्त,तीखा और तलेहुए खुराक, हो सके उतना कम खाने चाहिए। ये सभी आदर्श आहार सम्बंधित सलाह, हम सबको अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने के लिए अपने जीवन में उतारने चाहिए। सर्जरी के बाद आप सबकुछ उचित मात्रा में खा सकते है।

    पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के लिए एड्रोइट ही क्यों ?

    लेप्रोस्कोपिक सर्जरी न्यूनतम चीरे (छेद )से होनेवाली सर्जरीकी पद्धति है। इसमें पेटकी दिवारमे एक से अधिक छोटे छेदसे छोटी छोटी नलीओ को अन्दर उतरा जाता है। ये नलीओ द्वारा ऑपरेशन के जरुरी दूरबीन और साधन पेट में डेल जाते है।

    ओपन सर्जरी के मुकाबले लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के लाभ :

    • अत्याधिक अनुभवी सर्जन
    • नवीनतम टेक्नोलोजी का उपयोग/लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
    • ऑपरेशन के बाद कम दर्द
    • तेजी से रिकवरी और सर्जरी के पहले जैसी कार्यक्षमता की जल्द ही पुनःप्राप्ति
    • इंफेक्शन की संभावना कम
    • बेहतर कॉस्मेटिक परिणाम
    • इनसीज़नल हर्निया की संभावना कम

    हमारे बारे मे

    एड्रोइट की शुरुआत एक व्यापक,अत्याधुनिक upper GI सेन्टर की जिसमें, विभिन्न प्रकार की पाचन समस्याओं के लिए उचित मूल्यांकन, के साथ हर मरीज की जरूरत के मुताबित अनुकूलित उपचार के लिए सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराने का विकल्प प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। परिणामस्वरूप, हम दीर्घकालिक और लगातार अच्छे परिणाम प्रदान करने में सक्षम हैं। एक अच्छी तरह से समन्वित टीम का उद्देश्य मरीजों और उनके रिश्तेदारों को सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण के साथ एक सहज अनुभव का प्रदान करना है। हमें यह जानकर बहुत खुशी और गर्व है कि हम भारत में पित्ताशय की पथरी, GERD/एसिड रिफ्लक्स, हायटस हर्निया, विभिन्न अन्य प्रकार के हर्निया और एकेलेसिया कार्डिया के इलाज के लिए सबसे अच्छे सेन्टर्स में से एक है। हम अत्याधिक संतुष्ट मरीजों की एक बड़ी संख्या के आधार पर यह दावा करने में सक्षम हैं, जो हमारे उपचार से श्रेष्ठ लंबे समय के परिणामों का मजा ले रहे है।

    समय
    • सोमवार से शनिवार : सुबह 10 से शाम 6 तक

    15 से ज्यादा सालो का बहुमूल्य अनुभव

    डॉ चिराग ठक्कर पित्ताशय की जटिल समस्याओ के इलाज का व्यापक अनुभव रखते है। उन्होंने लैप्रोस्कोपिक पद्धति से पित्ताशय के हजारो आपरेशन किये है। वे इसके अलावा दूसरी जटिल और अधतन लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में भी माहिर है।

    पित्ताशय की पथरी से उत्पन्न होती कई जटिलताएं / समस्याएँ

    Frequently Asked Questions

    हाँ, पित्ताशय की पथरी के लिए पथरी के साथ-साथ पित्ताशय को निकालने के लिए सर्जरी ही एकमात्र इलाज है। लेकिन सर्जरी ज़रूरी नहीं है। अगर आपको पित्ताशय की पथरी के कारण दर्द और पाचन संबंधी समस्याएँ नहीं हो रही हैं, और आपको पहले कभी पित्ताशय की पथरी से जुड़ी कोई भी समस्या नहीं हुई है, तो आप सर्जरी से बच सकते हैं। लेकिन पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पाने का कोई और तरीका नहीं है। पित्ताशय की पथरी की कॉम्प्लिकेशन से बचने और इमरजंसी सर्जरी की आवश्यकता वाली स्थिति में आने से बचने के लिए, हम उचित समय पर अपनी सुविधा के मुताबित वैकल्पिक सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं।
    जिन मरीजों को पेट के दाहिने हिस्से में दर्द की समस्या रही हो, जिन्हें अपच की पुरानी समस्या हो, और जिन्हें पित्ताशय की पथरी से संबंधित पीलिया या पेन्क्रियाटाइटिस (पैंक्रियाज यानि अग्न्याशय में सूजन) हुआ हो, उन सभी को सर्जरी की आवश्यकता होती है। पित्ताशय की पथरी से संबंधित कॉम्प्लिकेशन जैसे पित्त नली में पथरी के कारण पीलिया, तीव्र पेन्क्रियाटाइटिस, तीव्र कोलिसिस्टाइटिस (पित्ताशय की सूजन), पित्ताशय में छिद्र और पित्ताशय के कैंसर को रोकने में सर्जरी मदद करती है। इनमें से कुछ कॉम्प्लिकेशन जानलेवा होती हैं। इन कॉम्प्लिकेशन का मेनेजमेन्ट करने या पित्ताशय की आपातकालीन सर्जरी करवाने की तुलना में वैकल्पिक सर्जरी द्वारा पित्ताशय की थैली को निकालना कहीं अधिक आसान और सुरक्षित है। जिन मरीजों को दर्द की समस्या होती है, जिन्हें डायबिटीस है और जिन्हें पहले से ही इनमें से कोई भी कॉम्प्लिकेशन है, उन्हें आगे और कॉम्प्लिकेशन्स का खतरा अधिक होता है, इसलिए ऐसे मरीजों को जल्द से जल्द सर्जरी करवा लेनी चाहिए। अहमदाबाद में डॉ. चिराग ठक्कर जैसे श्रेष्ठ पित्ताशय के विशेषज्ञ से कंसल्टेशन लेना बहुत मददगार हो सकता है। वे संपूर्ण मूल्यांकन और व्यक्तिगत उपचार करते हैं। वे आपको सर्जरी में देरी के जोखिमों की तुलना में वैकल्पिक प्रक्रिया के लाभों को समझने में मदद कर सकते है, जिससे आप अपने स्वास्थ्य के बारे में एक सूचित निर्णय ले सकें। यह वीडियो देखें: पित्ताशय की पथरी का उपचार और ऑपरेशन
    पित्ताशय की थैली निकालने के बाद पाचन क्रिया में कोई बदलाव नहीं आता। एक बार जब आपको पित्ताशय की पथरी के कारण लक्षण दिखाई देने लगते हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी पित्ताशय की थैली ठीक से काम नहीं कर रही है। इस निष्क्रिय पित्ताशय की थैली को निकालने से अपच की समस्या नहीं बढ़ेगी। पित्ताशय की थैली निकालने के बाद पाचन संबंधी समस्याओं की शिकायत करने वाले ज़्यादातर मरीज़ों में आमतौर पर पाचन संबंधी अन्य समस्याएँ जैसे GERD, एसिडिटी, कब्ज़ या IBS भी होती हैं, जिन्हें वे ग़लती से पित्ताशय की थैली निकालने से जोड़ देते हैं। अगर वे यह समझ ले कि यह पित्ताशय की थैली निकालने के कारण नहीं है, तो इन सभी समस्याओं का उचित उपचार से अच्छी तरह से इलाज किया जा सकता है। यह वीडियो देखें: पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद पाचन और आहार
    तकनीकी रूप से, हम सिर्फ़ पथरी निकालने के लिए सर्जरी कर सकते हैं, यह आसानी से संभव भी है। लेकिन आज के समय में पूरी दुनिया में कोई भी सर्जन ऐसा नहीं करेगा, भले ही आप ऐसा करने पर ज़ोर दें। कारण यह है कि डॉक्टर जानते हैं कि ऐसा करना आपके लिए उचित नहीं है। आपको यह समझना चाहिए कि समस्या पथरी नहीं, बल्कि निष्क्रिय पित्ताशय की थैली है। इसलिए अगर हम पथरी निकाल देते हैं, तो जल्द ही नई पथरी बन जाएगी। अतीत में, पित्ताशय में पथरी घोलने वाले रसायनों का इंजेक्शन लगाकर (लगभग 50 साल पहले) परीक्षण किए गए थे। फिर भी, ये सभी प्रयास कोई समाधान नहीं दे पाए। अब तक, यह स्पष्ट है कि पित्ताशय और पथरी दोनों को निकालना ही सबसे अच्छा विकल्प है। आजकल, पित्ताशय की पथरी की सर्जरी आमतौर पर अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक पद्धति से की जाती है।
    पित्ताशय की सर्जरी के बाद आहार पर कोई विशेष प्रतिबंध नहीं हैं। पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद, आपको फैटी, मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थों से परहेज़ करना होगा। जब आप तला हुआ, फैटी भोजन खाते हैं, तो उसे कम मात्रा में खाएँ और बार-बारन खाए। लेकिन रोज़ाना स्वस्थ भोजन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। ये आहार संबंधी सलाह हैं जिनका पालन सभी को समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए आदर्श रूप से करना चाहिए। सर्जरी के बाद, आप संयमित रूप से सब कुछ खा सकते हैं। हमारा ब्लॉग पढ़ें: पित्ताशय की पथरी और आहार
    हाँ, पित्ताशय की पथरी की सर्जरी डेकेयर प्रक्रिया के रूप में की जा सकती है, जहाँ मरीज उसी दिन घर जा सकता है। डेकेयर में पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के लिए मरीज का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। यह सर्जरी डे केयर मे ऐसे मरीजों में की जाती है जिनकी आयु 45 वर्ष से कम हो, जिनको मोटापा ना हो और जिनको किसी मेडिकल समस्या ना हो। आमतौर पर इसे सुबह के समय किया जाता है ताकि मरीज को घर भेजने से पहले मरीज को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
    किसी भी अन्य सर्जरी की तरह, इसमें भी सर्जरी और एनेस्थीसिया से जुड़े कुछ जोखिम जुड़े होते हैं। वृद्धों और हृदय, फेफड़े, किडनी या लिवर की बीमारियों से पीड़ित लोगों में यह जोखिम अधिक होता है। इसलिए, सर्जरी से पहले उचित मूल्यांकन पर ज़ोर दिया जाना चाहिए, और यदि आपको ऐसी कोई मेडिकल समस्या हो रही है, तो सर्जरी से पहले, उसके दौरान और बाद में उसका मेनेजमेंट करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। पित्ताशय की पथरी की सर्जरी का एक विशिष्ट जोखिम या कॉम्प्लिकेशन पित्त नली में चोट लगना है। कॉम्प्लिकेटेड पित्ताशय की पथरी वाले, कई वर्षों से पथरी से पीड़ित और कई बार तीव्र दर्द से पीड़ित मरीजों में यह संभावना बढ़ जाती है। इसी कारण से, यह सलाह दी जाती है कि सर्जरी उचित समय पर,और इस सर्जरी के लिए विशेषज्ञता वाले सर्जन के पास में, वैकल्पिक रूप से करवाएँ। तब इन सभी कॉम्प्लिकेशन्स के होने की कुल संभावना 0.5% से भी कम है। जब ये होती भी हैं, तो समय पर इलाज से इनका उचित मेनेजमेन्ट किया जा सकता है।
    लेप्रोस्कोपिक पित्ताशय की पथरी की सर्जरी का खर्च एक मर्यादा में अलग-अलग हो सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि सर्जरी आपातकालीन यानि की इमर्जन्सी है या नहीं, कोलिसिस्टाइटिस(पित्ताशय की सूजन) जैसे कॉम्प्लिकेशन है या नहीं,मरीज को अन्य मेडिकल समस्याएं (जैसे हृदय, किडनी या लिवर के रोग) है या नहीं, अस्पताल की सुविधाओं (बुनियादी ढाँचा और ऑपरेशन थिएटर उपकरण), उपयोग की जाने वाली उपभोग्य चीजों(consumables) के प्रकार और चुने गए कमरे के प्रकार। लेप्रोस्कोपिक पित्ताशय की थैली निकालने की सर्जरी का खर्च, यदि कोई कॉम्प्लिकेशन न हो, तो 65,000 से 1,20,000 रुपये के बीच और कॉम्प्लिकेशन की स्थिति में 80,000 से 1,50,000 रुपये के बीच हो सकता है।
    लेप्रोस्कोपिक पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद, ज़्यादातर मरीज़ सर्जरी के 3-4 घंटे बाद बिस्तर से उठकर चलने-फिरने लगते हैं। उन्हें सर्जरी के दिन ही हल्का आहार लेने की अनुमति दी जाती है। ज़्यादातर मरीज़ों को अगले दिन छुट्टी दे दी जाती है। ज़्यादातर मरीज़ों को सर्जरी के बाद किसी दर्द निवारक(पेईनकिलर) इंजेक्शन की ज़रूरत नहीं होती; वे सिर्फ़ ओरल दर्द निवारक(पेईनकिलर) दवाओं से ही काफ़ी आराम महसूस करते हैं। इसके अलावा, ज़्यादातर मरीज़ कुछ ही दिनों में पेईनकिलर दवाओं से मुक्त हो जाते हैं। डिस्चार्ज होने पर मरीज़ आराम से चल-फिर सकते हैं, सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं और अपनी देखभाल कर सकते हैं। हमारा ब्लॉग पढ़ें: पित्ताशय की पथरी सर्जरी: जानिए सर्जरी से पहले, दौरान और बाद में क्या होता है
    ज़्यादातर मरीज़ सर्जरी के कुछ दिनों बाद ही ऑफ़िस का काम फिर से शुरू कर सकते हैं। ज़्यादातर महिला मरीज़ सर्जरी के कुछ दिनों बाद ही घर का काम फिर से शुरू कर सकती हैं। ज़्यादा मेहनत वाले काम, व्यायाम और खेलकूद को अपने स्वास्थ्य के अनुसार 7-10 दिनों में धीरे-धीरे फिर से शुरू किया जा सकता है। हालाँकि, लैप्रोस्कोपिक पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद किसी भी तरह की प्रवृतियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
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    डॉ चिराग ठक्कर के बारे मे दर्दीओ के अभिप्राय है

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