मैं लंबे समय से एंटासिड दवाएं ले रहा हूं। मेरा आहार, पोषण, नींद, काम, पारिवारिक और सामाजिक जीवन प्रभावित होता है। कई गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से सलाह लेने के बाद भी, मैं अपने GERD को नियंत्रण में नहीं रख पा रहा हूं। मेरे डॉक्टरों ने मुझे बताया है कि यह समस्या जीवन भर मेरे साथ रहेगी और मुझे आजीवन एंटासिड पीपीआई(PPI) दवाएं लेनी होंगी। लेकिन मैं दृढ़ता से मानता हूँ कि इस समस्या का कोई स्थायी(परमानेंट) समाधान होना चाहिए। मैं जानता हूं कि यह बस कुछ समय की बात है, जब मुझे कोई ऐसा डॉक्टर मिल जाएगा जो फर्क ला सकता है।
ऊपर की कहानी लगभग एक सामान्य कहानी है, जिसको हम नियमित रूप से अपने मरीज़ो के बीच देखते हैं। हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस स्थिति से पीड़ित है, जिसे GERD या एसिड रिफ्लक्स (acid reflux) कहा जाता है। कभी-कभी इसे स्थानीय भाषा में एसिडिटी, सीने में जलन(हार्टबर्न) या गैस की समस्या भी कहा जाता है। सौभाग्य से, GERD से पीड़ित सभी को ऐसी दुर्बल करने वाली समस्या और मनोबल तोड़ने वाली कहानी नहीं होती है। GERD से पीड़ित सभी लोगों में से, केवल कुछ प्रतिशत मरीज़ो में ही गंभीर GERD होता है। इतना गंभीर कि मरीज़ सालों तक इससे परेशान रहते है, जहां उन्हें वर्षों तक नियमित दवाओं की आवश्यकता होती है, कभी-कभी दवाओं से भी पूरी तरह राहत नहीं मिल पाती है और उनके जीवन की गुणवत्ता (quality of life) प्रभावित होती है।
ज़्यादातर मरीज़ जो लंबे समय से पीड़ित हैं, उनकी समस्याओं का मूल्यांकन अधूरा होता है। हम आमतौर पर ऐसे मरीजों को कंसल्ट करते हैं, जो की कई एंडोस्कोपी रिपोर्ट लेकर आते हैं। लेकिन भोजन-नली और जठर की कार्यप्रणाली का और अधिक मूल्यांकन नहीं किया जाता है। ऐसी स्थिति में अपर GI एंडोस्कोपी को दोहराने से उनकी समस्याओं के बारे में कोई और जानकारी मिलने की संभावना कम है। एसोफेजियल मैनोमेट्री, 24 घंटे pH और इम्पीडेंस स्टडी और कुछ मरीज़ो में गैस्ट्रिक एम्प्टयिंग का मूल्यांकन करवाना ज़रूरी है। पाचन को प्रभावित करने वाली कुछ दुर्लभ स्थितियाँ जैसे थायरॉयड फ़ंक्शन ऐब्नॉर्मैलिटी, ईोसिनोफिलिया, सीलिएक डिसीस या ऑटोइम्यून स्थितियों को कुछ ब्लड टेस्ट से पता लगाया जा सकता है।
फंक्शनल डायजेस्टिक समस्याओं के संबंध में एक क्लिनिकल मूल्यांकन भी किया जाना चाहिए। डी.जी.बी.आई(DGBI) जो कि पाचन तंत्र और दिमाग के संपर्क में होने वाली गड़बड़ी है, जहां मरीज़ो में भोजन नली, जठर और आंतों की बढ़ती संवेदनशीलता और परिवर्तित गतिशीलता के कारण लक्षण होते हैं। लक्षणों के ख़राब नियंत्रण का एक बहुत ही सामान्य कारण GERD/एसिड रिफ्लक्स के साथ डी.जी.बी.आई(DGBI) का होना है। और चूंकि केवल एसिड रिफ्लक्स का इलाज किया जाता है, और डी.जी.बी.आई(DGBI) का मूल्यांकन और इलाज छूट जाता है, इसलिए उसमें इलाज का परिणाम ख़राब होता है।कई बार मूल्यांकन करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि GERD का इलाज करवा रहे मरीज को वास्तव में GERD है ही नहीं । उनकी सभी समस्याएं अन्य भोजन नली की समस्याओं जैसे कि motility(गतिशीलता) की समस्या या sensitivity(अतिसंवेदनशीलता) की समस्या के कारण थीं। उपरोक्त समस्याओं के लिए एक अलग ट्रीटमेंट एप्रोच की आवश्यकता होगी और ट्रीटमेंट एप्रोच में बदलाव करने से परिणाम अच्छा मिलेगा।
जैसा कि पहले ज़िक्र किया गया है, कई मरीज़ो में एक से अधिक पाचन समस्याएं हो सकती हैं। मतलब, उन्हें GERD के साथ-साथ कब्ज, आई बी एस(IBS), फंक्शनल हार्टबर्न और/या अन्य एसोफेजियल या गैस्ट्रिक मोटिलिटी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अगर सिर्फ GERD का इलाज किया जाए तो परिणाम अच्छे नहीं मिलते। इसके अलावा, कई मरीज़ों में लंबे समय से हो रहे पाचन सम्बंधित लक्षणो के, ख़राब नियंत्रण के कारण तनाव, नींद की गड़बड़ी, भोजन के प्रति डर और अन्य व्यवहार परिवर्तन जैसी अन्य समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए हर एक मरीज़ में इसे दवाओं, काउंसलिंग और आहार और तनाव(स्ट्रेस) मैनेजमेंट में उचित बदलाव द्वारा संबोधित करने की आवश्यकता है।
यह बिल्कुल भी असामान्य नहीं है कि मरीज़ इलाज और जीवनशैली संबंधी सलाह का पालन करने में कई बार विफल रहते हैं। कभी-कभी इलाज में लंबा अंतराल होता है, क्योंकि मरीज बीच-बीच में इलाज बंद कर देते हैं या अल्टेरनेटिव दवा (होम्योपैथी या आयुर्वेद) लेने का प्रयास करते हैं। इलाज की लंबी अवधि, निराशा और भ्रम के कारण, कई मरीज़ एक ही डॉक्टर से इलाज जारी रखने के बजाय बार-बार डॉक्टर बदलते हैं। इससे कई बार इलाज के संबंध में गलत निर्णय लेने और जीवनशैली में बदलाव का सही से पालन न करने की समस्या भी सामने आती है, जिससे अंत में मरीज को और अधिक कष्ट झेलना पड़ता है।
GERD की गंभीरता GERD के संपूर्ण परिणाम का एक बहुत महत्वपूर्ण कारण है। हमें यह बात समझनी चाहिए कि GERD में मुख्य समस्या भोजन नली और जठर के बीच के वाल्व की मैकेनिकल कमजोरी होना है। इसलिए यदि मरीज़ को हायटस हर्निया है और एल.ई.एस वाल्व (LAX LES) काफी कमजोर है, तो उचित इलाज, आहार और जीवनशैली में बदलाव करने के बावजूद भी परिणाम संतोषजनक नहीं हो सकते हैं। ऐसे मरीज़ो में दवा लेने पर भी कुछ लक्षण बने रह सकते हैं। आम तौर पर, ऐसी स्थिति में, जब तक दवाएं ली जा रही हैं, हार्टबर्न नियंत्रित रहता है,, लेकिन डकार आना और भोजन ऊपर अन्ननली में आना (रिगर्जिटेशन) और गले की समस्याएं (ग्लोबस सेंसेशन) दवा लेने के बाद भी बनी रहती हैं। कुछ मरीज़ो में, लक्षण तब तक नियंत्रित रहते है जब तक वे दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन मरीज़ दवाएँ बंद करना बर्दाश्त नहीं कर सकते है, कभी-कभी तो एक दिन के लिए भी दवा बंद नहीं कर सकते है। ऐसे सभी मरीज़ो के लिए, GERD/एसिड रिफ्लक्स या हायटस हर्निया के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सही विकल्प है। अगर इसे उचित मूल्यांकन के बाद और किसी एक्सपर्ट सर्जन द्वारा किया जाए तो, तो लंबे समय के दृष्टिकोण से इस सर्जरी के परिणाम श्रेष्ठ होते हैं।
सामान्य स्वस्थ जीवनशैली का पालन न करना खराब परिणामों का एक अन्य कारण है। धूम्रपान, तंबाकू, और शराब बहुत महत्वपूर्ण कारण हैं जो न केवल GERD का ही नहीं, बल्कि GERD के साथ देखे जाने वाले अन्य पाचन समस्याओं जैसे IBS और DGBI की समस्याओं का भी कारण बन सकते हैं। कुछ मरीज़ सीधे तौर पर इन आदतों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं होते हैं, जबकि कुछ अपनी समस्याओं पर नियंत्रण होने के बाद इन्हें फिर से शुरू कर देते हैं। ऐसे भी कई मरीज़ है जो इन आदतों को फिर से शुरू करते ही उनमें लक्षण फिर से शुरू हो जाते हैं। कुछ मरीज़ केवल इसलिए इलाज लेते हैं ताकि वे इन आदतों को फिर से शुरू कर सकें, अन्यथा, जब वे इन आदतों को छोड़ देते हैं तो वे पूरी तरह से ठीक महसूस करते है।आपको को यह समझना होगा कि यदि आपका शरीर इन आदतों को सहन नहीं कर पा रहा हो, तो इन ख़राब आदतों को झेलने के लिए आपके शरीर को मजबूत बनाने का कोई तरीका नहीं है। यह समझना मरीज़ के श्रेष्ठ’हित में होगा कि उसे इन आदतों को बदल लेना चाहिए।
ऊपर की गई बातचीत में इलाज के अनुरूप बहुत कुछ पहले ही चर्चा की जा चुकी है। फिर भी, ट्रीटमेंट एप्रोच को संक्षेप में प्रस्तुत करने के लिए, मैं कुछ उपाय की सूची बताता हूँ :
ऊपर दिए गए सिद्धांतों का पालन करते हुए, हम कह सकते हैं कि ज़्यादातर मरीजों में हम श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त कर पा रहे हैं। कुछ मरीजों में लक्षण सफलतापूर्वक नियंत्रित करने में या उनकी दवाओं को बंद करने में कभी-कभी संघर्ष करना पड़ता है।लेकिन मुझे दृढ़ता से लगता है कि समय के साथ, ये मरीज़ भी दवाओं के बिना सामान्य जीवन में वापस आ सकते हैं। हमने ऐसे कई मरीज़ देखे हैं जिनका इलाज शुरू में मुश्किल था, लेकिन अब वे सामान्य जीवन जी रहे हैं और उन्हें किसी दवा की ज़रूरत नहीं है।
कोई व्यक्ति जो GERD से पीडित है और सामान्य जीवन में वापस आने की उम्मीद खो रहा है, वह हमसे संपर्क कर सकता है और हमें मदद करने में ख़ुशी होगी। आप इस आर्टिकल को किसी ऐसे परिचित व्यक्ति के साथ शेयर कर सकते है जो GERD, एसिड रिफ्लक्स, एसिडिटी या हायटस हर्निया से पीड़ित है। मुझे यकीन है की हम बदलाव ला पाएंगे।
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चिराग ठक्कर एक गेस्ट्रोइंटेस्टिनल सर्जन हैं। वह पिछले 18 वर्षों से गेस्ट्रोइंटेस्टिनल और वजन घटाने की बेरियाट्रिक और मेटाबोलिक सर्जरी कर रहे हैं। GERD, हायटस हर्निया, एसिड रिफ्लक्स, सीने में जलन के लिए सर्जरी और मेदस्विता का इलाज उनकी रुचि और विशेषज्ञता का मुख्य क्षेत्र है। जटिल और बार-बार हो रहे हर्निया के लिए लेप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी के मामले में भी उनके दर्दीओ में सर्जरी के बाद कम से कम दर्द और सबसे अच्छी कार्यक्षमता प्रदान करनेवाले परिणाम के साथ मरीजों को तेजी से स्वास्थ्य की पुनःप्राप्ति होती है। पित्ताशय की पथरी हटाने की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के मामले में भी उनका विशाल अनुभव है।