GERD और एसिड रिफ्लक्स सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित करने वाली एक बहुत ही आम समस्या है। वर्तमान पश्चिमी जीवन शैली के कारण भी यह समस्या बढ़ रही है। ज्यादातर मरीजों को दवाइयों के साथ आहार और जीवनशैली में बदलाव की जरूरत होगी। इस सब के बावजूद अंत में कई मरीजों को सर्जरी की जरूरत भी हो सकती है। एसिड रिफ्लक्स के मरीजों में हायेट्स हर्निया का होना एक महत्वपूर्ण कारण है, जो सर्जरी को आवश्यक बना सकता है। इस GERD/ हायेटस हर्निया/ एसिड रिफ्लक्स की सर्जरी की आवश्यकता हो ऐसे सभी मरीजों के लिए, यहां, सर्जरी की पूरी प्रक्रिया को समझने में मदद करने का प्रयत्न किया गया है। आशा रखता हूँ की यह उन्हें चिंता कम करने में और सर्जरी के लिए उचित तैयारी करने में मदद करेगा।
सभी मरीज जिनके लिए एसिड रिफ्लक्स की सर्जरी जरूरी मानी गई हो, उनके लिए इसोफेजिअल मेनोमेट्री और 24 Hr pH Impedance study कराने का आयोजन किया जाता है। यह जाँच बहुत महत्वपूर्ण है। क्योकि उनसे हमें अन्ननली (oesophagus) और Lower Oesophageal sphincter(LES वाल्व) के कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। यह GERD होने का निदान करता है। और यह इसकी गंभीरता के बारे में भी विस्तृत जानकारी देता है। इस प्रकार यह हमें सर्जरी के परिणाम के बारे में सुनिश्चित करता है। इस जाँच के आधार पर सर्जरी में भी कुछ बदलाव किए जाते है ताकि सर्जरी के बाद आपको उत्कृष्ट परिणाम मिल सकें।
एक बार जब जाँच पूर्ण हो जाती है, तो सर्जन आपके साथ उस के परिणाम पर विस्तार से चर्चा करेंगे। वह इस बात पर भी अपनी राय देंगे कि सर्जरी के लिए आगे बढ़ना चाहिए या उपचार की योजना में कोई बदलाव करना है। वह सर्जरी के परिणाम, सर्जरी के बाद दवाओं की आवश्यकता और सर्जरी के बाद के शुरुआती दौर में आहार लेने में संभवित कठिनाइयों के बारे में बात करेंगे। अंत में, सर्जरी के बारे में एक संयुक्त निर्णय आपको और आपके सर्जन को लेना होगा। GERD और हायेटस हर्निया की सर्जरी को लेप्रोस्कोपिक फन्डोप्लाइकेशन सर्जरी कहा जाता है।
एकबार आपकी लेप्रोस्कोपिक फंडोप्लाईकेसन सर्जरी की तारीख और समय के बारे में निर्णय ले लिया जाए तब सर्जिकल टीम, ऑपरेशन थियेटर इन्चार्ज से बात करके सर्जरी का समय तय करेंगे। OT(ऑपरेशन थिएटर) इन्चार्ज एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर को भी सर्जरी के समय और तारीख के बारे में अप-डेट करेंगे। सर्जन भी एनेस्थेटिस्ट से बात करके सर्जरी की प्लानिंग के बारे में और सर्जरी के दौरान क्या अपेक्षित है उसके बारे में चर्चा करेंगे। एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर इस समय जानना चाहेंगे की मरीज को कोई बीमारी है या नहीं, और कोई दवाइयां चल रही है या नहीं। सर्जरी से पहले उस बीमारी के बारे मे फिर से जाँच करवाने की जरूरत है या नहीं, और दवाइयों में बदलाव करने की जरूरत है या नहीं। अगर ऐसा हे तो इस परिस्थिति मे, आपके सर्जन आपको यह सब करने की सलाह देंगे और जरूरत होने पर सर्जरी में देरी भी हो सकती है।
ऑपरेशन थियेटर इन्चार्ज सर्जरी से पहले यह सुनिश्चित करेंगे की सभी उपकरणों अच्छी तरह से स्टरिलाइज़ कर दिये जाए, सभी उपकरण सही तरह से काम कर रहे है और सर्जरी के दौरान जरूरी सब चीजे OT में उपलब्ध है।
एकबार आप होस्पिटल में एडमिट हो जाते है, तो डयूटी पर मौजूद डोक्टर आपकी सभी जाँच की रिपोर्ट देखेंगे और सर्जन के निर्देशों का पालन करेंगे। डॉक्टर यह भी सुनिश्चित करेंगे की सर्जरी के निर्धारित समय के 6 घंटे पहले से आपने भोजन और पानी नहीं लिया है। इसके बाद वह आपके सर्जन से बात करेंगे और उनको आपके एडमिट होने के बारे में और आपकी सभी पूर्व जांचों के बारे में अवगत करेंगे। आपके सर्जन को आपके टेम्परेचर, पल्स, ब्लड प्रेसर, सुगर के बारे में भी बताया जाता है। आपके सर्जन की सलाह के अनुसार, डयूटी पर मौजूद डॉक्टर, ECG, ब्लड टेस्ट, और X -Ray जैसी बाकी की जाँच पूरी करेंगे।
एनेस्थेएनेस्थेटिस्ट डॉक्टर को भी आपके एडमिट होने के बारे में, आपके पहले के और अभी के नये जाँच के रिपोर्ट के बारे में बताया जाता है। शरीर के सर्जरी करने की जगह को शेविंग करके सर्जरी के लिए तैयार किया जाता है। इस समय सर्जरी के लिए आपकी सहमति के लिए consent फॉर्म पे साइन ली जाएगी। यह सब करते वक्त, डयूटी पर मौजूद डॉक्टर आपको और आपके प्रियजनों की चिंता कम कर के होंसला बढ़ाने की कोशिश करेंगे। हॉस्पिटल में हर कोई आपकी, सर्जरी से पहले की चिंता को समझता है। और आपको चिंतामुक्त करने की हर कोशिश करेंगे।
सर्जरी के तय समय के 10-15 मिनिट पहले आपको OT के रिकवरी रूम में शिफ्ट किया जाता है। फिर से नर्सिंग स्टाफ आपके सभी रिपोर्ट देखेंगे। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे की सभी तैयारी योग्य रूप से की गई है। आपके सर्जन या एनेस्थेटिस्ट या दोनों आयेंगे और आप को चिंतामुक्त करने के उदेश्य से आपको मिलेंगे। अंत में, ऑपरेशन थियेटर में शिफ्ट होने से पहले, आपको यूरिन पास करने के लिए वॉशरूम जाने को कहा जायेगा।
जब आप ऑपरेशन थियेटर में प्रवेश करते हो तो आप OT के कुछ स्टाफ को विविध उपकरणों और साधनों को तैयार करते देख पाओगें। आपको OT टेबल पे लेटाया जायेगा। दवाइयों को शरीर में दाखिल करने के लिए एक इंट्राविनस लाइन (IV line) आपके हाथ में लगाई जाती है। ECG lead, ब्लड प्रेसर कफ, और पल्स- ऑक्सीजन सेन्सर भी लगाया जाता है। वे पूरी सर्जरी के दौरान आपके पल्स, BP, ऑक्सीजन लेवल, और ह्रदय की गतिविधि पर निगरानी रखेंगे। यह पूरी प्रक्रिया के दौरान एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर, OT स्टाफ, और आपके सर्जन आपसे बातें करते रहेंगे ताकि ये सब आपको डरावना ना लगे।
एकबार ये सब तैयारियां हो जाये, तब एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर आपके चहेरे पर मास्क लगाएंगे और आपको मास्क से साँस लेने के लिए कहेंगे। इस मास्क से एनेस्थेटिक गैस आएगी जिससे आप को थोड़ी नींद आने लगेगी। आगेकी दवाइयां आपको IV line के माध्यम से दी जाएगी, ताकि आपको पूरी तरह से नींद आ जाये। जब आप गहरी नींद में चले जाये, तब एनेस्थेटिस्ट आपके मुंहसे एक ट्यूब (नली) को आपकी साँस की नली में रख देंगे। पूरी सर्जरी के दौरान यह ट्यूब और एक वेंटिलेटर के जरिए आप साँस लेते रहोगे। एनेस्थेटिस्ट आपकी नींद की और साँस की गहराई को नियंत्रित रखेंगे, और मॉनिटर पर अपनी सतर्क नजर बनाये रखेंगे। मॉनिटर आपके पल्स, BP, ऑक्सीजन लेवल, और ह्रदय की गतिविधि को दर्शाता है। तो अब आपका आराम करने का और सोने का समय है। सर्जरी ख़त्म होने के बाद, एनेस्थेटिस्ट आपको धीरे-धीरे वापस होश में लाएंगे।
आपकी सर्जरी सिर्फ आपके सर्जन द्वारा नहीं की जाती है। सर्जरी के दौरान एक पूरी टीम काम कर रही होती है। हर सर्जरी, टीम में कई सदस्यो के द्वारा किए गए कई कार्यो का एक जटिल संयोजन है, चाहे वह एक एक सामान्य रूप से की जानेवाली सर्जरी भी क्यों न हो। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद लघुतम दर्द और तेजी से होनेवाली रिकवरी की वजह से यह प्रक्रिया बेहद आसान लगती है, लेकिन वास्तव में, ऐसा नहीं है। सर्जरी के दौरान, OT में, सर्जरी को सफल बनाने के लिए 6-7 लोग सक्रिय रूप से कार्य कर रहे होते है। इनमें एक एनेस्थेटिस्ट और एनेस्थेसिया से संबंधित कार्य के लिए एक सहायक स्टाफ भी शामिल होते है।
सर्जन को मिलाके, करीबन चार लोग सर्जरी की प्रक्रिया में जुड़े होते है। केमेरा के नियंत्रण के लिए एक व्यक्ति, एक सहायक, और ट्रॉली से जरूरी चीजें देने के लिए एक व्यक्ति सर्जन को साथ देते है। केमेरा के नियंत्रण के लिए नियुक्त व्यक्ति केमेरा का प्रभारी है और पूरी सर्जरी के दौरान सर्जन की दृष्टि का मार्गदर्शन करता है। दूसरा सहायक सर्जन को सर्जरी के दौरान जब भी और जहां भी सर्जरी के लिए जगह बनाने की जरूरत हो वहां मदद करता है। ट्रॉली के लिए नियुक्त सहायक, उपकरणों के आदान-प्रदान एवम सर्जरी के दौरान जरूरी चीजे ट्रॉली पर उपलब्ध कराने में मदद करता है।
इसके अलावा, एक रनर स्टाफ स्टैंड-बाय रखा जाता है, जो सर्जरी के दौरान अगर कोई अचानक जरूरत की परिस्थिति बनती है तो इसमें मदद करता है। आपको इच्छित परिणाम देने के लिए, एक अच्छे और समन्वित (Coordinated) टीमवर्क की आवश्यकता है।
एकबार आप को गहरी नींद आ जाती है और एनेस्थेटिस्ट सब नियंत्रण मे है ऐसा कहे, इसके बाद सर्जिकल टीम अपना कार्य शुरू करती है।
सब से पहले, वे शरीर के उस हिस्से को तैयार करेंगे जहां सर्जरी की जानी है, यानि की आपका पेट। पेट पर betadine solution योग्य पध्धति से लगाकर, इसे कीटाणुरहित किया जाता हे। इसे पेन्टिंग कहा जाता है यानि की उस हिस्से को betadine से पेईन्ट करना। इसके बाद आपके पेट के हिस्से को छोड़कर पूरा शरीर कीटाणुरहित ड्रेप (drape) से ढक दिया जाता है। इसे ड्रेपिंग कहते है, जो कीटाणुरहित सर्जरी की जगह को शरीर के बाकी हिस्से से अलग करता है।
इसके बाद, टीम सभी उपकरणों को तैयार करती है। इसमें, लेप्रोस्कोपिक सिस्टम और ऊर्जा स्त्रोत शामिल है। लेप्रोस्कोपिक सिस्टम में केमेरा, एक लेप्रोस्कोप, लाइट स्त्रोत का केबल, और एक insufflating tube जो आपके पेट में CO2 गेस भरने के लिए होती है, वे सब शामिल है। इन सबको ETO sterilization जैसी विशिष्ट पध्धति से पहले से कीटाणुमुक्त किया जाता है। ऊर्जा स्त्रोत एक ऐसा उपकरण है, जो ब्लडलॉस के बिना सर्जरी को पूर्ण करने में मदद करता है।
एकबार सब तैयारी हो जाती है इसके बाद, सर्जन पहला चीरा लगाने की जगह पर, छोटी मात्रा में एनेस्थेटिक सोल्यूसन इन्जेक्ट करेंगे। इससे, सर्जरी के बाद में आपको दर्द रहित रखनें में हमें मदद मिलती है। अब, एक छोटा सा चीरा आपकी नाभि के पास किया जाता है और इस के माध्यम से एक विशिष्ट needle (सुई ) को आपके पेट मे दाखिल की जाती है। सुई उचित स्थान पर होने की पुष्टि करने के बाद, insufflating tube को इस सुई से जोड़ा जाता है और CO2 गेस भरना शुरू किया जाता हे। एकबार पेट में जगह बनाने के लिए पर्याप्त गैस भर जाने के बाद, सुई को हटा दिया जाता है, और उसी छेद से पहला पोर्ट पेट में दाखिल किया जाता है। यह पोर्ट एक hollow (खोखली) मेटल की ट्यूब होती है जिसके माध्यम से लेप्रोस्कोप एवम अन्य उपकरण आपके पेट के अंदर जा सकते है। पूरी सर्जरी के दौरान, जगह बनाये रखने के लिये, लगातार गेस भी भरी जाती है।
अब लेप्रोस्कोप को आपके पेट में दाखिल करने का समय है, और इसकी लाइव इमेज सर्जिकल टीम के सामने मॉनिटर पर दिखाई देती है। अब सर्जन, सर्जरी को आगे बढाने से पहले, पेट के अंदर का निरीक्षण करते है। यह हो जाने के बाद, एनेस्थेटिक सोल्यूसन इन्जेक्ट करके नए छेद किये जाते है जिसमे चार और पोर्ट रखे जाते हे। यह चार नए पोर्ट्स, मॉनिटर पर दिखनेवाली लेप्रोस्कोप की इमेज के तहत रखे जाते है। मतलब की, जब पोर्ट्स रखे जाते है उस वक्त सर्जन लेप्रोस्कोप की मदद से उन्हें पेट में अंदर आते स्पष्ट रूप से देख सकते है। इसलिए, सर्जन उन्हें आपके केस में जहां जरूरत हो, ठीक उसी जगह पर रख सकते है।
अब, सही मायने में सर्जरी शुरू होती है। केमेरा के लिए नियुक्त व्यक्ति, सर्जरी की ठीक जगह को स्पष्ट फोकस के साथ दिखाता है। सहायक एक पोर्ट के द्वारा, एक उपकरण को अंदर दाखिल करता है, और जठर के फंड्स(ऊपरी हिस्से) को पकड़ता है और इसे आपके दाहिने कंधे की ओर धकेलता है। अब आपके सर्जन सर्जरी की जगह को ठीक और स्पष्ट रूप से देख सकते है। ऊर्जा स्त्रोत की मदद से वह हायेटस और अन्ननली(Oesophagus) के ऊपर स्थित पतली टिस्यू को काट देते है। ऐसा करने से सर्जन डायाफ्रामेटिक हायेटस के स्नायुओ को स्पष्ट रूप से पहचान पाते है। और आपके अन्ननली के निचे के हिस्से को चारों ओर से आसपास की त्वचा से छुड़ाते है।
इसके बाद सर्जन हायेटस के स्नायु पर स्टीच लेते है और हायेटस को उसके उचित नाप का बनाते है। सिर्फ उतना ही जिसमें से अन्ननली पसार हो पाए। इसके बाद जठर के फंड्स (ऊपरी हिस्से) को अन्ननली के निचे के हिस्से के पीछे की ओर खिंचा जाता है। और इसे LES वाल्व के आसपास लपेटा(wrap) जाता है। उसे इसी जगह पर रखने के लिए स्टिचिस लिए जाते है।
सर्जन अंत में सर्जरी के पूरे क्षेत्र का निरीक्षण करेगा। यह फिर से जांचना है कि अंतराल पर्याप्त आकार में कम हो गया है, लपेट बहुत तंग नहीं है और कोई खून बह रहा है। अब लैप्रोस्कोपिक दृष्टि के तहत सभी उपकरणों और बंदरगाहों को हटा दिया गया है। पेट से गैस निकल जाती है। 10 mm बंदरगाहों (बड़े बंदरगाहों) की साइट पर पेट की दीवार की मांसपेशियों को एक सिलाई के साथ बंद कर दिया जाता है। यह सिलाई अपने आप घुल जाती है और कुछ महीनों के बाद घुल जाएगी। 5 mm के बंदरगाहों को मांसपेशियों के आसपास इस तरह की सिलाई की आवश्यकता नहीं होती है। फिर त्वचा के कटों को स्वयं घुलने वाले टांके और गोंद के साथ बंद कर दिया जाता है और पट्टियों से ढक दिया जाता है। अब आप जागने के लिए तैयार हैं।
अंत मे, सर्जन सर्जरी की पूरी जगह का निरीक्षण करेँगे। वह चेक करेंगे की हायेटस की साइज़ पर्याप्त रूप से कम हुई है या नहीं, wrap ज्यादा टाइट तो नहीं है, और कही से कोई ब्लीडिंग तो नहीं हो रही है। अब, लेप्रोस्कोप से देखते हुए, सभी पोर्ट्स और उपकरण हटाये जाते है। गैस को पेट से बाहर निकाला जाता है। 10 mm पोर्ट की जगह के स्नायु को एक स्टीच से बंध किया जाता है। यह स्टीच अपने-आप पिघलनेवाला (self dissolving) होता है और कुछ महीनों के बाद पिघल जाता है। 5 mm पोर्ट की जगह के स्नायु को बंध करने के लिए ऐसे कोई स्टीच की जरूरत नहीं होती है। इसके बाद, त्वचा के घाव को अपने-आप पिघलनेवाला (self dissolving) और सर्जिकल ग्लू से बंध किया जाता है और इसे bandage से ढक दिया जाता है। अब, मरीज होश में आने के लिए तैयार है।
एकबार सर्जरी खत्म हो जाए, फिर एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर दवाइयों में ऐसे बदलाव करेंगे की आप का होश में आना शुरू हो जायेगा। एकबार उन्हें यकीन हो जाए की आप इतने होश में आ गये है की, अपने आप साँस ले सकते है और लार (saliva) को निगल सकते है, तब वह आप की श्वासनली में रखी ट्यूब को निकालेंगे। वह ये भी सुनिश्चित करेंगे की आप कम्फर्टेबल हो, आपको दर्द न हो रहा हो और आप अच्छी तरह से सांस ले रहे हो। एकबार, उन्हें यकीन हो जाए की आप स्वस्थ हो, तब हम आपको शिफ्टिंग बेड पर ले लेंगे। फिर आपको, इस बेड पर ही रिकवरी रूम में ले जाया जाता है।
रिकवरी रूम में, आपके पल्स, बीपी, और ऑक्सीजन पर करीबन 10 मिनिट तक निगरानी(monitoring) रखी जाती है। इस समय आप अभी भी थोड़ी नींद में होंगे । इसलिए, एक व्यक्ति आपकी स्थिति पर लगातार नजर बनाये रखने के लिए, और आपको आराम देने के लिए आप के साथ वहां होगा। सर्जन और एनेस्थेटिस्ट भी आप से मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे की आप स्वस्थ हो रहे है। वे आपके रिश्तेदारों से भी बात करेंगे और उन्हें आप की स्थिति के बारे में बताएंगे और उन्हें आपसे मिलने की अनुमति देंगे। यह सब आपको और आपके रिश्तेदारों को सर्जरी की चिंता से राहत देने के लिए किया जाता है।
एक बार आप पर्याप्त होश में आ जाते है तब आप को वापस अपने रूम में ले जाया जाता है। कुछ घंटो के लिए आपको आराम करने दिया जाता है। कोई भी जरूरत और मदद की स्थिति के लिए, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर उपलब्ध होंगे। 2 घंटे के बाद, स्टाफ आपके पल्स, BP, और ऑक्सीजन लेवल की जाँच करेंगे। जब उन्हें लगेगा की आप पूरी तरह से होश में है, तब आपको बैठने की सलाह दी जाती है। जैसे ही आप आरामदायक महसूस करने लगे, धीरे-धीरे पानी और अन्य लिक्विड मुँह से देना शुरू किया जाता है।आपको स्टाफ की निगरानी में, बिस्तर से उठकर कुछ कदम चलने की सलाह दी जाती है। इस समय पर, सभी दवाइयां और आइवी ड्रिप(IV drip) बंध किये जाते है।
इसके बाद आपको वॉशरूम जाने की और यूरिन पास करने की सलाह दी जाती है। शुरूमें, थोड़ा दर्द हो सकता है, किन्तु जैसे ही आप घूमना-फिरना शुरू करेंगे, तब यह दर्द धीरेधीरे कम होता जायेगा। यदि दर्द ज्यादा है, तो ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर आपके सर्जन से टेलीफोन से बात कर के आगे की दवाइयां देंगे। एक बार लिक्विड शुरू करने के बाद, सभी दवाइयां मुंह से ही दी जाती है और आपको उल्टी नहीं होती है। अगर आप की रिकवरी ठीक हो रही होती है, तब भी ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर आपके सर्जन को आपके बारे में अप-डेट करेंगे।
सर्जरी के 4-5 घंटे के बाद, एक बार आपने ठीक से लिक्विड लिया हो, इसके बाद नरम आहार शुरू किया जायेगा। सब ठीक चल रहा है ऐसा यकीन करने के लिए सर्जन भी आपसे मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात के दौरान सर्जन आपसे घर जाने के बारेमें आपके मन की हर आशंका का समाधान करेंगे। अगले दिन सुबह आप स्नान कर सकते हो। बेंडेज वॉश-प्रूफ होता है, इसलिए इसके बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
एक बार आप पर्याप्त रूप से दर्द मुक्त हो, लिक्विड और भोजन ले सकते हो, यूरिन ठीक से हो रहा हो, तब आप हॉस्पिटल से छुट्टी के लिए तैयार है। ऐसे युवा दर्दी जिसे कोई अन्य मेडिकल प्रॉब्लम ना हो, जो इसी शहर में रहते हो, उन्हें उसी दिन डिस्चार्ज किया जाता है। और बाकि सब को,सामान्य तौर से अगले दिन छुट्टी दी जाती है।
डिस्चार्ज के कुछ ही दिनों में आपको फॉलो-अप के लिए क्लिनिक पर बुलाया जायेगा। उसका मुख्य उदेश्य आप स्वस्थ है ऐसा सुनिश्चित करना, और आपके घाव की जाँच करने का होता है। सर्जन आपके घावॉ की जाँच करेंगे, उसे साफ करेंगे और उस पर फिर से नए बेंडेज लगायेंगे। सर्जरी के बाद के आपके आहार और प्रवृतियों के बारे में सर्जन आपसे चर्चा करेंगे। इस समय आपके किसी भी अन्य प्रश्न का उत्तर दिया जायेगा।
आम तौर पर, कुछ दिनों के लिए एक नरम आहार की सलाह दी जाती है। शुरुआती कुछ दिनों के लिए खुराक निगलने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है। आपको बस इतना करना है कि धीरे-धीरे खाये और ठीक से चबाएँ। यह सब एक हफ्ते में ठीक हो जाना चाहिए। एकबार आप पर्याप्त रूप से नरम आहार खाने के लिए सक्षम हो जाते है, इसके बाद आप सामान्य आहार के मुताबित अन्य सभी तरिके का भोजन शुरू कर सकते है। शुरू के कुछ हफ्तों तक, आपको एक साथ कम मात्रा में भोजन करना चाहिए। क्योंकि, थोड़ा खाने से ही आपको पेट भर गया हो ऐसा लग सकता है। यह थोड़े समय की ही बात है, और कुछ हफ्तों में धीरे-धीरे इसमें सुधार हो जाना चाहिए।
5 दिनों के बाद, स्नान करते समय, अपने आप घर पर ही आपको बेंडेज को निकाल देना होगा। यदि कोई विशेष कारण से, आपके घावो की फिर से जाँच करने की जरूरत है, तो आपके सर्जन आपको सूचित करेंगे।
आपकी अगली विजिट एक महीने, दो महीने, और तीन महीने के बाद होगी। अगर आप अन्य सिटी से आते है तो, यह फॉलो-अप फोन कॉल से भी हो सकता है। यह खास करके वह सुनिश्चित करने के लिए है की आपके खुराक के साथ स्वास्थ्य में उचित सुधार हो रहा है की नहीं। और कोई दवाई जारी रखने की जरूरत है की नहीं। इस बीच अगर कोई जरूरत लगे, तो अपॉइन्टमेंट ले कर, आप डॉक्टर से मिल सकते है। हम मरीजों को सम्पूर्ण जाँच के लिए 6 महीने के बाद कम से कम एक बार क्लिनिक पर फॉलो-अप के लिए आने की सलाह देते है।
एड्रोइट सेन्टर फॉर डायजेस्टिव एन्ड ओबेसिटी सर्जरी, हर प्रकार की अन्ननली, जठर, पित्ताशय की सर्जरी और अन्य एडवान्स लेप्रोस्कोपिक सर्जरी नियमित रूप से करनेवाला सेन्टर है। इंटरनेशनल स्टैन्डरड के अनुरूप परिणाम यहां मिलता है और हमारे ज्यादातर दर्दी इलाज से काफी संतृष्ट है। हमारे सेन्टर पर GERD, एसिड रिफ्लक्स, हायेटस हर्निया और एकेलेसिया कार्डिया जैसी समस्याओ के लिये सम्पूर्ण जाँच की सुविधा उपलब्ध है। GERD के इलाज का हमें विशाल अनुभव है और हमारे खुश रोगियों की एक बड़ी संख्या है। यही कारण हे की हमारे मरीज, डॉ. चिराग ठककर को GERD/ एसिड रिफ्लक्स/ हायेटस हर्निया के इलाज के लिए बेस्ट डॉक्टरो में से एक मानते है।
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